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Shahjahanpur News : मानसून से पहले दुधारू पशुओं को खिला दें एक गोली, देखिए कैसे बहाएंगे ‘दूध की नदियां’

आखरी अपडेट:

Shahjahanpur news in hindi : पशुओं से अच्छा दूध उत्पादन लेना चाहते हैं तो मानसून से पहले और बाद में पेट के कीड़ों की दवा जरूर दें. ऐसा करने से पशु स्वस्थ रहेगा और पूरी क्षमता के साथ दूध देगा.

हाइलाइट्स

  • पशुओं को साल में दो बार कृमिनाशक दवा दें.
  • मानसून से पहले और बाद में कृमिनाशक दवा देना जरूरी.
  • पेट के कीड़े नष्ट करने से दुग्ध उत्पादन बढ़ेगा.

शाहजहांपुर. आप अपने पशुओं से बेहतर दुग्ध उत्पादन लेना चाहते हैं, तो मानसून से पहले कुछ आवश्यक सावधानियां बरतनी चाहिए. ऐसा करके आप अपने पशुओं को स्वस्थ रख सकते हैं और परिणामस्वरूप, अच्छा दुग्ध उत्पादन प्राप्त कर सकते हैं. यदि आप लापरवाही बरतते हैं, तो आपको 35 से 50 हजार रुपये तक का आर्थिक नुकसान हो सकता है. विशेषज्ञों का सुझाव है कि पशुओं को साल में दो बार कृमिनाशक दवा अवश्य देनी चाहिए.

कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर के पशुपालन विभाग के एक्सपर्ट डॉ. शिवकुमार यादव ने बताया कि मानसून के दौरान पशुओं में पेट के कीड़े बहुत तेजी से बढ़ते हैं. इन कीड़ों के कारण पशु कमजोर हो जाते हैं, क्योंकि कुछ कीड़े खून चूसते हैं. जब पशु का खून चूसा जाता है, तो वह कमजोर हो जाता है, जिसका सीधा प्रभाव दूध उत्पादन पर पड़ता है. कीड़ों द्वारा खून चूसने से पशुओं को पर्याप्त ऊर्जा नहीं मिल पाती है. इसके कारण, पशु हीट में नहीं आते हैं और प्रजनन नहीं कर पाते हैं. यदि पशु गर्भधारण नहीं करता है, तो किसानों को आर्थिक रूप से 35 से 50 हजार रुपये तक का नुकसान हो सकता है.

साल में दो बार

पशुओं को साल में दो बार कृमिनाशक दवा देना जरूरी है. मानसून की शुरुआत में पशुओं को कृमिनाशक दवा दें. इसके बाद, मानसून समाप्त होने पर एक बार फिर पशुओं को यह दवा दें. पूरे वर्ष पशुओं के पेट में कीड़े नहीं होंगे और आपके पशु स्वस्थ रहेंगे, जिससे आपको भरपूर दुग्ध उत्पादन मिलेगा. डॉ. शिवकुमार यादव कहते हैं कि पशुपालक आइवरमेक्टिन (ivermectin) या फेनबेंडाजोल (fenbendazole) नामक टेबलेट अपने पशुओं को दें, जिससे पेट के सभी कीड़े नष्ट हो जाएंगे.

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