UP Dharmantaran Live: यूपी के इस मंदिर में कृष्णा बनकर कासिम बना था पुजारी, ऐसे खुली पोल, पुलिस ने किया गिरफ्तार

उपशांतरन लाइव: उत्तर प्रदेश के मेरठ से एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां मौलवी का बेटा कृष्णा बनकर मंदिर में पुजारी की भूमिका निभा रहा था. असली नाम कासिम है और वह बिहार का रहने वाला है. हिंदू संगठनों के विरोध के बाद इस पूरे मामले की परतें खुलीं. यह पूरा मामला दादरी के एक मंदिर से जुड़ा है, जहां कासिम ने अपना नाम कृष्णा बताकर खुद को हिंदू पुजारी के रूप में पेश किया. वह न सिर्फ मंदिर में मंत्रोच्चार कर पूजा-पाठ करता था, बल्कि महिलाओं का हाथ देखकर भविष्य बताने का भी ढोंग करता था.
आगरा के अवैध धर्मांतरण मामले में रोज नए खुलासे सामने आ रहे हैं. पुलिस अब तक 14 आरोपियों को गिरफ्तार कर चुकी है, जिनमें मास्टरमाइंड अब्दुल रहमान, उसके दोनों बेटे और जुनैद कुरैशी शामिल हैं. जांच में सामने आया है कि जुनैद सोशल मीडिया के जरिए लड़कियों को प्रेमजाल में फंसाकर दिल्ली बुलाता था, जहां उनका धर्मांतरण कराकर उन्हें शाहीन बाग स्थित एक हॉस्टल में रखा जाता था. इस हॉस्टल को एक मदरसे द्वारा संचालित किया जा रहा था. पुलिस अब इस नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की गहन जांच कर रही है.
इस फर्जीवाड़े का भंडाफोड़ तब हुआ जब मंदिर में किसी मामूली विवाद के दौरान लोगों को उसकी हरकतें संदिग्ध लगीं. जब हिंदू संगठनों ने उससे सख्ती से पूछताछ की, तो उसका असली नाम और धर्म सामने आया. इसके बाद लोगों ने उसकी पिटाई कर दी और पुलिस को सौंप दिया.
पुलिस हिरासत में कासिम
घटना की जानकारी मिलते ही थाना दौराला पुलिस मौके पर पहुंची और कासिम उर्फ कृष्णा को हिरासत में ले लिया. पुलिस अब यह जांच कर रही है कि उसका असली मकसद क्या था और वह कब से इस मंदिर में सक्रिय था.
आगरा धर्मांतरण मामले में नया खुलासा
आगरा में धर्मांतरण के एक बड़े रैकेट का खुलासा हुआ है. सूत्रों के अनुसार, धर्म परिवर्तन के बाद लड़कियों को दिल्ली के शाहीन बाग स्थित एक हॉस्टल में रखा जाता था, जहां उन्हें जबरन नमाज पढ़वाई जाती थी. यह हॉस्टल एक मदरसे द्वारा संचालित था. आगरा पुलिस की एक टीम वर्तमान में दिल्ली में इस मामले की जांच कर रही है, ताकि यह पता लगाया जा सके कि यह हॉस्टल कौन और कब से चला रहा था. पुलिस पूछताछ में आरोपी जुनैद कुरैशी ने कई चौंकाने वाले खुलासे किए हैं.
कुशीनगर में एक नाबालिग हिंदू लड़की को भगाकर उसका धर्म परिवर्तन कराने और दुष्कर्म करने का मामला सामने आया है. आरोपी शमशाद उर्फ मुन्ना ने लड़की का नाम बदलकर नरगिस रखा और उसके लिए जाली आधार कार्ड बनवाया. लड़की को केरल के पास ले जाया गया था. परिजनों की शिकायत पर नेबुआ नौरंगिया पुलिस ने आरोपी को केरल के पास से गिरफ्तार कर लिया है.
छांगुर बाबा का दोस्त निकला यूपी पुलिस का यह इंस्पेक्टर
विदेशी फंडिंग और अवैध धर्मांतरण के मामले में फंसे जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा को लेकर जांच का दायरा लगातार बढ़ता जा रहा है. सूत्रों के मुताबिक, छांगुर बाबा ने अपनी अवैध कमाई का बड़ा हिस्सा कई लोगों में बांट दिया था, जिनमें सरकारी कर्मचारी, कोर्ट बाबू, उनकी पत्नियां, ग्राम प्रधान और स्थानीय जनप्रतिनिधि तक शामिल हो सकते हैं.
उतरौला में गुप्त निरीक्षण, कई नए चेहरे आए रडार पर
जांच एजेंसियों ने उतरौला क्षेत्र में गुप्त निरीक्षण किया, जहां छांगुर बाबा के नेटवर्क से जुड़े नए सुराग हाथ लगे हैं. सूत्रों के अनुसार, बाबा के संपर्क में आने वालों की सूची में कई बिचौलिए और दलाल भी शामिल हैं, जो स्थानीय लोगों को धार्मिक रूपांतरण के जाल में फंसा रहे थे.
जांच में यह भी सामने आया है कि छांगुर बाबा की खाड़ी देशों में गहरी पैठ थी. उसके खातों में विदेश से आए फंड्स और संदिग्ध लेन-देन की जांच ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) कर रही है. अवैध रूप से मिले इन पैसों का उपयोग धर्मांतरण मिशन को फैलाने, लोगों को प्रलोभन देने, और स्थानीय प्रभावशाली लोगों को साधने में किया गया.
छांगुर बाबा और नवीन को हिरासत में लेगी ईडी
सूत्रों के मुताबिक, ईडी को कुछ ऐसे डिजिटल ट्रांजैक्शन और दस्तावेज मिले हैं, जिनमें विदेशी खातों से संदिग्ध रक़म आने के संकेत हैं. अब इन्हीं ट्रांजैक्शन की कड़ी दर कड़ी जांच की जाएगी. छांगुर बाबा पहले से ही धर्मांतरण गिरोह के मास्टरमाइंड के तौर पर जांच एजेंसियों के निशाने पर हैं. अब वित्तीय लेन-देन की परतें भी खुलनी शुरू हो गई हैं. ईडी की इस कार्रवाई को केस में टर्निंग पॉइंट माना जा रहा है.
अगरा धर्मांतरण मामले में पलिस जांच में मामूल चला है कि कोलकाता में रह रहीं इन दोनों बहनों को लगातार इस्लाम से जुड़ी वीडियो और साहित्य भेजा जा रहा था. दिन-भर वही वीडियो देखना और उसी विचारधारा को पढ़ना उनकी मानसिक स्थिति को प्रभावित कर रहा था. गिरोह का मकसद था-सोच बदलो, पहचान बदल दो.
दोनों बहनें मूल रूप से आगरा के सदर क्षेत्र की निवासी हैं. बड़ी बहन एमफिल कर चुकी है, जबकि छोटी बहन फिलहाल पढ़ाई कर रही है. तीन महीने पहले दोनों अचानक लापता हो गई थीं, जिसके बाद पुलिस ने गुमशुदगी दर्ज कर जांच शुरू की. लंबी छानबीन के बाद पुलिस ने इन्हें कोलकाता से बरामद किया.