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22 जून से पहले खेतों में करें ये 5 काम…. फ्री में तैयार हो जाएगी धान की फसल

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Paddy Farming Tips : गेहूं की कटाई के बाद किसान धान की बुवाई की तैयारी कर रहे हैं. गौरतलब है कि धान की खेती में पानी बड़ी मात्रा में लगता है. ऐसे में किसान अगर मानसून आने से पहले ये 5 काम कर लें तो लागत बहुत कम …और पढ़ें

एक्स

चावल

धान की फसल

हाइलाइट्स

  • धान की खेती के लिए खेत की जुताई करें.
  • मानसून से पहले मेड़ों को मजबूत करें.
  • जल निकासी के बेहतर प्रबंध करें.

शाहजहांपुर : उत्तर प्रदेश में बड़े पैमाने पर किसान धान की खेती करते हैं. खासकर बात शाहजहांपुर की, की जाए तो यहां धान की फसल से किसानों को अच्छा उत्पादन मिलता है. धान की फसल को तैयार करने के लिए किसानों को अधिक पानी की आवश्यकता होती है. लेकिन इस बार धान की खेती करने वाले किसानों के लिए अच्छी खबर है. इस बार मानसून हर बार के मुकाबले पहले आएगा.

मौसम विभाग के अनुसार दक्षिण-पश्चिम मानसून इस बार समय से पहले, यानी 27 मई को केरल के तटों पर दस्तक दे सकता है. आमतौर पर मानसून एक जून को केरल पहुंचता है, लेकिन इस बार यह 2009 के बाद सबसे जल्दी आगमन होगा. यानि इस साल बारिश ज्यादा होने का अनुमान है.वैज्ञानिकों का दावा है कि इस बार अच्छी बारिश होगी तो ऐसे में धान की फसल उगाने वाले किसानों को समय पर अपनी सभी तैयारियां को मुकम्मल कर लेना चाहिए.

यूपी में कब आएगा मानसून?
कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में तैनात कृषि एक्सपर्ट डॉ एनपी गुप्ता ने बताया कि इस बार उत्तर प्रदेश में मानसून 22 जून को आने की संभावना है. मानसून से पहले किसान अपनी सभी तैयारियां को पूरा कर लें. ताकि धान की फसल की समय से रोपाई की जा सके और कम लागत में अच्छा मुनाफा भी ली जाए जा सके. धान की फसल में अधिक सिंचाई की आवश्यकता होती है. ऐसे में अगर मानसून के दौरान बारिश के पानी को व्यवस्थित ढंग से इस्तेमाल कर लिया जाए तो सिंचाई की लागत को कम किया जा सकता है.

मानसून आने से पहले कैसे करें तैयारी?

  • मानसून से पहले किसानों को खेत की जुताई कर लेनी चाहिए.
  • समय पर मेड़ों को मजबूत करने से बारिश के पानी का सही इस्तेमाल किया जा सकता है.
  • एक्सपर्ट का कहना है कि खेत की गहरी जुताई करने के बाद लेजर लेवलर से खेत को समतल करें और
  • उसके बाद अपनी आवश्यकता के हिसाब से मेड बना कर क्यारी तैयार कर लें.
  • क्यारी इस हिसाब से तैयार करें कि बारिश का पानी का सही ढंग से इस्तेमाल किया जा सके.
  • अगर कोई खेत आसपास के खेतों से नीचा है तो उसमें जल निकासी के बेहतर प्रबंध करें क्योंकि मानसून के दौरान अगर ज्यादा बारिश होती है और जल भराव की स्थिति बनती है तो धान की फसल खराब भी हो सकती है. ऐसी स्थिति में जल निकासी को लेकर भी पूरी तैयारी रखें.
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