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Paytm, PhonePe, GPay, BHIM यूजर्स के लिए बड़ा स‍िक्‍योर‍िटी अपडेट, साइबर फ्रॉड पर लगेगी लगाम – News18 Hindi

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DoT ने साइबर धोखाधड़ी की रोकने के ल‍िए “Financial Fraud Risk Indicator (FRI)” पेश किया है. ये इंड‍िकेटर, यूपीआई यूजर्स को उन नंबरों पर पैसा ट्रांसफर करने ही नहीं देगा, जो फ्रॉडर्स के हैं. जान‍िये ये इंड‍िकेटर क…और पढ़ें

Paytm, PhonePe, GPay, BHIM यूजर्स के लिए बड़ा स‍िक्‍योर‍िटी अपडेट

UPI यूजर्स को स्‍कैमर्स से बचाने के ल‍िए सरकार ने कसी कमर

नई द‍िल्‍ली. साइबर धोखाधड़ी अब कोई नई बात नहीं रह गई है. लाखों लोग इसके श‍िकार हो चुके हैं. हालांक‍ि साइबर सेक्‍योर‍िटी व‍िभाग और भारत सरकार इसे लेकर लोगों को जागरुक कर रहे हैं. इसी कडी में भारत सरकार के ड‍िपार्टमेंट ऑफ टेलीकॉम (DoT) ने लाखों UPI यूजर्स के लिए नए सुरक्षा उपाय जारी किए हैं. इस सुरक्षा उपाय को Financial Fraud Risk Indicator (FRI) कहा जा रहा है, जो बैंकिंग और गैर-बैंकिंग संस्थानों को आम UPI से संबंधित धोखाधड़ी और घोटालों को रोकने में शामिल करेगा. स्‍कैम रोकने के ल‍िए ये सभी संस्‍थान म‍िलकर काम करेंगे.

दरअसल, DoT ने जो फाइनेंश‍ियल फ्रॉड र‍िस्‍क इंड‍िकेटर जारी क‍िया है, वो मुख्य रूप से कुछ फोन नंबरों का विश्लेषण करेगा और आख‍िर में ऐसे नंबरों को ब्‍लॉक कर देगा, जो साइबर क्राइम गतिविधि का प्रयास कर रहे हैं. डिजिटल इंटेलिजेंस प्लेटफॉर्म के तहत लॉन्च किए गए इस उपाय को सुरक्षित भुगतान प्रणाली बनाने और देशभर में अधिक लोगों को डिजिटल लेनदेन अपनाने के लिए प्रोत्साहित करने के ल‍िए बनाया गया है. FRI सिस्टम बैंकों और गैर-बैंकिंग संस्थानों को जोखिम भरे लेन-देन की पहचान करने में मदद करेगा, जिससे ये लेन-देन पूरा होने से पहले ही रोके जा सकेंगे.

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UPI सेक्‍योर‍िटी अपडेट
फाइनेंशियल फ्रॉड रिस्क इंडिकेटर सिस्टम एक ऐसे टूल की तरह काम करेगा जो वित्तीय संस्थानों को संदिग्ध फोन नंबरों और UPI एड्रेस पर नजर रखने में मदद करेगा. कहा जा रहा है कि FRI उन नंबरों को फ्लैग करेगा जिन्हें स्पैम या साइबर अपराध के स्रोत के रूप में रिपोर्ट किया गया है. इसमें वे नंबर भी शामिल होंगे जो वेरिफिकेशन प्रक्रिया में फेल हो गए हैं और कई नियमों का उल्लंघन करते पाए गए हैं.

एक बार जब नंबरों को चिन्हित कर लिया जाएगा, तो उन्हें तीन स्तरों के जोखिम की कैटगरी में डाला जाएगा- मध्यम, उच्च और बहुत उच्च. ये कैटगरी पूरी तरह से नेशनल साइबरक्राइम रिपोर्टिंग पोर्टल, चक्षु प्लेटफॉर्म और वित्तीय संस्थानों से प्राप्त अन्य खुफिया जानकारी के आधार पर किया जाएगा.

कैटगरी में डालने के बाद, डेटा को केंद्रीय सर्वरों में भेजा जाता है. जब भी कोई UPI यूजर किसी ऐसे नंबर पर पैसे ट्रांसफर करने की कोशिश करता है जिसे ‘बहुत उच्च जोखिम’ के रूप में चिह्नित किया गया है, तो UPI ऐप उस लेन-देन को ब्लॉक कर देगा और यूजर को अलर्ट करेगा. जिन नंबरों को मध्यम जोखिम के रूप में चिह्नित किया गया है, उनके लिए यूजर को एक चेतावनी दी जाएगी.

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