NEET Story: डॉक्टरों से भरा परिवार, बेटी ने NEET में टॉप कर परंपरा को निभाया, सेल्फ स्टडी से रचा इतिहास

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NEET में 5वीं रैंक हासिल कर एक लड़की ने अपने परिवार की डॉक्टर बनने की परंपरा को आगे बढ़ाया, जिससे माता-पिता का गर्व और खुशी दोगुनी हो गई है. इसके साथ ही उन्होंने इस परीक्षा में 720 में से 715 अंक प्राप्त किए है…और पढ़ें

NEET Success Story: नीट में 5वीं रैंक हासिल करके परिवार की परंपरा को बरकरार रखी.
NEET सफलता की कहानी: एक माता-पिता के लिए उस वक्त खुशी का ठिकाना नहीं रहता है, जब बच्चे अपने परिवार की परंपरा को बरकरार रखते हुए, उनके प्रोफेशन को चुनते हैं. ऐसी कहानी हरियाणा की एक लड़की की है, जिन्होंने अपने दादा और पिता की तरह डॉक्टर बनने के लिए नीट यूजी की परीक्षा में 5वीं रैंक हासिल की हैं. इसके साथ ही उन्होंने 720 में से 715 अंक प्राप्त किए हैं. जिनके बारे में हम बता रहे हैं, उनका नाम अमृषा खेतान (MBBS Amrisha Khaitan) है.
नीट यूजी में हासिल की 5वीं रैंक
NEET UG की परीक्षा में 5वीं रैंक लाने वाली अमृषा हरियाणा के महेंद्रगढ़ से ताल्लुक रखती हैं. वह मेडिकल प्रोफेशनल परिवार से आती हैं. अमृषा ने नीट यूजी 2020 की परीक्षा को पास करने के लिए एक रणनीति बनाई और उसी के अनुसार पहले बायोलॉजी का पेपर हल किया क्योंकि इसमें प्रश्नों की संख्या अधिक थी. इसके बाद केमिस्ट्री और अंत में फिजिक्स पर फोकस किया. उनकी तैयारी की यह रणनीति बहुत प्रभावी रही है.
सेल्फ स्टडी के साथ रोजाना की 8-10 घंटे पढ़ाई
अमृषा की सफलता की खास बात यह है कि उन्होंने NEET की तैयारी बिना किसी कोचिंग के की. उनके माता-पिता ने उन्हें पूरे मार्गदर्शन के साथ सपोर्ट किया. COVID-19 के कारण हुए लॉकडाउन के बावजूद अमृषा की तैयारी में कोई रुकावट नहीं आई. लॉकडाउन से पहले वह स्कूल में रेगुलर कक्षाओं में हिस्सा लेती थीं और फिर घर आकर 8-10 घंटे पढ़ाई करती थीं. लॉकडाउन के बाद उन्होंने घर पर रहकर सेल्फ स्टडी पर फोकस किया.
टॉप मेडिकल कॉलेज से कर रही हैं MBBS
लिंक्डइन प्रोफाइल के अनुसार अमृषा नीट यूजी की परीक्षा को पास करके AIIMS में दाखिला लिया और यहीं से MBBS की पढ़ाई की. उनके दादा, डॉ. जेपी खेतान, महेंद्रगढ़ जिले के पहले एमबीबीएस डॉक्टर थे. उनके पिता, डॉ. अनुराग खेतान उत्तर भारत के प्रमुख यूरोलॉजिस्ट्स में से एक हैं, जबकि मां, डॉ. अनु खेतान, एक प्रतिष्ठित बाल रोग विशेषज्ञ हैं. अमृषा का बड़ा भाई भी एम्स से एमबीबीएस की पढ़ाई की. इस प्रेरणादायक पारिवारिक माहौल ने उन्हें मेडिकल के क्षेत्र में करियर बनाने के लिए इस्पायर किया है.
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