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Natural forming: रासायनिक खेती छोड़ फिर प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ रहे हैं किसान, पैदावार में एकाएक आई उछाल

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किसानों को प्रगतिशील बनाने के लिए सरकार तरह-तरह के उपाय कर रही है. ऐसे में सरकार अब किसानों को रसायनिक पदार्थ के बजाय प्राकृतिक खेती करने के लिए प्रेरित करते हैं.

एक्स

प्राकृतिक

प्राकृतिक खेती करते अमेठी के किसान

हाइलाइट्स

  • किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए प्रेरित किया जा रहा है.
  • अमेठी के 20 से अधिक गांवों में नेचुरल फार्मिंग मिशन शुरू.
  • प्राकृतिक खेती से किसानों की आय दोगुनी करने का उद्देश्य.

आदित्य कृष्ण/ अमेठी- रासायनिक पदार्थ से की जाने वाली खेती की अपेक्षा प्राकृतिक खेती किसानों के लिए ज्यादा फायदेमंद साबित होती है. ऐसे में अब शासन के निर्देश पर अमेठी का कृषि विभाग अमेठी के कुछ गांव में विशेष पहल करेगा. इस पहल के अंतर्गत नेचुरल फार्मिंग मिशन के अंतर्गत किसानों से प्राकृतिक खेती करवाई जाएगी. इसके लिए करीब 20 से अधिक गांव का चयन किया गया है. इसके साथ ही यहां पर किसानों को जागरूक करते हुए उन्हें प्राकृतिक खेती से जोड़ा जाएगा. जिससे उन्हें आर्थिक फायदा हो सके. जिससे वह प्रगतिशील बन सकें.

कैसे होती है प्राकृतिक खेती
अमेठी में रसायन मुक्त खेती और प्राकृतिक खेती को शुरू करने के लिए नेचुरल फार्मिंग मिशन के तहत या कार्यक्रम चलाया जाएगा. इस कार्यक्रम के अंतर्गत अमेठी जिले में मुसाफिरखाना तहसील के नदी के तटीय क्षेत्रों को चुना गया है. इस क्षेत्र में जगदीशपुर ब्लॉक के 13 बाजारशुकुल के 13 और मुसाफिरखाना के आठ गांव सम्मिलित किए गए हैं. जहां पर सीआरपी का चयन किया जाएगा. सीआरपी मतलब कम्युनिटी रिसोर्स पर्सन का चयन कर समूह की महिलाओं को किसानों को प्रशिक्षण करने की जिम्मेदारी दी जाएगी. यहां पर महिलाएं प्राकृतिक खेती करने वाले किसानों को जागरूक करें कि कैसे वे गोबर से जीवामृत बीजा अमृत घना अमृत के साथ नेचुरल तरीके से खाद तैयार कर अपनी खेती कर सकते हैं. इसके साथ ही किसानों को समान खरीदने के लिए एक हेक्टेयर में 4000 की धनराशि भी दी जाएगी. जिससे किसानों को प्राकृतिक खेती के लिए संसाधन जुटाने में आसानी हो सके.

प्राकृतिक खेती से हो रहा फायदा
अमेठी जिले के कई किसान प्राकृतिक खेती कर रहे हैं. प्राकृतिक खेती में किसानों को काफी फायदा हो रहा है. अमेठी जिले के गौरीगंज तहसील की एक महिला किसान मंजू मौर्य के साथ लालू मौर्य, रणन्जय सिंह सहित बड़ी संख्या में किसान प्राकृतिक खेती कर रहे हैं. खुद से खाद तैयार कर उसका इस्तेमाल करते हैं. जिससे उनकी खेती में उन्हें लाखों रुपए का फायदा होता है.

किसानों की आय दोगुनी करना उद्देश्य
वहीं उप कृषि निर्देशक सत्येंद्र कुमार ने बताया कि किसानो की आय दुगनी करना हमारा उद्देश्य है सरकार का भी प्रयास है कि किसान खेती को बढ़ावा मिल सके और नई तकनीकी के माध्यम से किसान प्रगतिशील बन सके. इसलिए नेचुरल फार्मिंग मिशन के तहत प्राकृतिक रहती है. अमेठी के इन गांव में कराई जाएगी और किसानों को फायदा होगा, तो अमेठी के कृषकों की आय दोगुनी होगी और वह प्रगतिशील बनेंगे.

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