Mathura News : इन मालाओं का ऐसा जादू, 10 हजार में भी लोग खरीदने को तैयार, जानें चमत्कारी फायदे

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Mathura news in hindi : यहां इन मालाओं को बड़े पैमाने पर बंगाली कारीगर बनाते हैं. एक माला को बनाने में अच्छा-खासा समय लगता है. हाथों की कारीगरी लोगों को यहां खींच लाती है. डिमांड विदेशों तक है.

40 साल से यह बंगाली परिवार असली तुलसी की माला बनाने का कार्य कर रहा है
हाइलाइट्स
- राधा कुंड में तुलसी की माला पर राम दरबार की नक्काशी होती है.
- एक माला बनाने में लगभग एक घंटा लगता है.
- गुरु पूर्णिमा पर तुलसी की मालाओं की बिक्री अधिक होती है.
मथुरा. हिंदू धर्म में तुलसी का पौधा हमेशा से पूजनीय रहा है. कहते हैं कि तुलसी का पौधा जिस घर में होता है, वहां की निगेटिव एनर्जी दूर हो जाती है. ये घर में सुख और समृद्धि बढ़ाने का काम करता है. इसी तरह तुलसी की माला पहनने से कई लाभ मिलते हैं. मथुर में कई लोग इसकी मदद से अपनी जीविका चलाते हैं. यहां इसकी माला बनाने का काम बड़े पैमाने पर किया जाता है. मथुरा से 25 किलोमीटर दूर राधा कुंड में बड़ी संख्या में तुलसी की माला बनाई और बेची जाती हैं. यहां इन मालाओं पर नक्काशी की जाती है.
एक घंटे में ‘चमत्कार’
राधा कुंड में 40 साल से तुलसी की माला बनाकर बेच रहे दिनेश मंडल Local 18 से कहते हैं कि हम लोग असली तुलसी की माला बनाते हैं. यहां लोग अपने हाथों से माला बनाते हैं, जिसकी कीमत 50 रुपये से लेकर 10 हजार रुपये तक होती है. राधा कुंड के कारीगर अपने हाथों से इन मालाओं पर नक्काशी करते हैं. यहां राम दरबार, गौ माता, हनुमान जी, राधा रानी के अलावा अन्य देवी देवताओं की तस्वीर तुलसी की माला पर बनाकर तैयार की जाती हैं. एक माला को बनाने में करीब 1 घंटे का समय लगता है. नक्काशी करने पर समय बढ़ जाता है. दिनेश बताते हैं कि हम लोग तुलसी जयंत गांव से खरीद कर लाते हैं. वहां तुलसी की खेती की जाती है. फिर मशीन से तुलसी की सफाई करते हैं.
गुरु पूर्णिमा पर खूब बिक्री
तुलसी की मालाओं खरीद रहे लोगों ने बताया कि यहां के मालाओं पर नक्काशी देखते ही बनती है. देश ही नहीं बल्कि विदेशी लोग भी यहां से माला खरीद कर ले जाते हैं. यहां सबसे अधिक बिक्री गुरु पूर्णिमा के आसपास होती है. ये मालाएंं विदेशोंं में भी भेजी जाती हैं.
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