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Guava Farming : 1 लीटर पानी में डाल दें 2ml दवा, अमरूद रहेगा गेंद की तरह गोल, भाग जाएंगे सारे रोग

आखरी अपडेट:
Guava farming in rainy season : बरसात के मौसम में अमरूद के पौधों पर कीटों का हमला बढ़ जाता है. कई बार सिर के बल खड़े होने से भी राहत नहीं मिलती. ऐसा न करें. हम आसान तरीका लेकर आए हैं.
शाहजहांपुर. धान-गेहूं और गन्ने की मुख्य फसलों के साथ कई किसान बागवानी भी करते हैं. बागवानी हमेशा से किसानों के लिए फायदे का सौदा रही है. शाहजहांपुर के किसान भी इसमें खूब हाथ आजमाते हैं. यहां के किसान खासतौर पर अमरूद का बाग लगाकर अच्छी कमाई कर रहे हैं. अमरूद के बाग की अच्छी देखभाल कर किसान एक साल में तीन बार उपज ले सकते हैं. बरसात के मौसम में मिलने फल में किसानों को अधिक मेहनत करनी पड़ती है. इन दिनों कई तरह के कीट अमरूद के पौधों पर सीधा हमला करते हैं. इस मौसम में अनरूद किसानों को खास देखरेख करने की जरूरत है. जरा सी लापरवाही पूरी मेहनत चौपट कर सकती है.
सबसे ज्यादा डेंजर
शाहजहांपुर के उद्यान वैज्ञानिक डॉ. राहुल वर्मा बताते हैं कि अमरूद के बाग की अच्छी देखभाल करने से किसान साल में तीन बार फसल ले सकते हैं. बरसात के मौसम में मिलने वाले फल से किसानों को और अच्छे दाम मिलते हैं, लेकिन बरसात के सीजन में मेहनत भी ज्यादा करनी पड़ती है. इस सीजन में कई तरह के कीट अमरूद के बाग पर हमला करते हैं. इन दिनों अमरूद के लिए फल मक्खी सबसे ज्यादा डेंजर है. अगर इसे रोकने में देरी हो जाए तो पूरी फसल खराब हो सकती है. किसान भाई रासायनिक तरीकों के साथ-साथ जैविक विधि से भी फल मक्खी से निजात पा सकते हैं.
इस बात का ध्यान ज्यादा जरूरी
अमरूद में फल मक्खी लगने से फल की गुणवत्ता खराब होती है. फल टेढ़े-मेढ़े दिखाई देने लगते हैं. कई बार धीरे-धीरे पूरा फल ही खराब हो जाता है. समय पर रोकथाम न करने से यह रोग दूसरे फलों में भी फैलने लगता है. इसकी रोकथाम के लिए क्लोरपायरीफॉस 20 EC (Chlorpyriphos 20 EC) 2ml प्रति लीटर की मात्रा से घोल बनाकर छिड़काव कर दें. किसान भाई 10 दिन के अंतराल पर छिड़काव करते रहें. ऐसा करने से फल मक्खी नष्ट हो जाएगी.