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Friendship Day 2025: समाज के लिए मिसाल है माधुरी और रमेश की दोस्ती, 13 साल से निभा रहे एक दूसरे का साथ

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Friendship Day 2025: रमेश चंद्र जोशी और माधुरी शर्मा दोनों ही कहते है कि वर्तमान समय में युवाओं को रिश्तो की अहमियत समझनी चाहिए. जीवन में दोस्ती हो या फिर पारिवारिक रिश्ते उन्हें कभी भी स्वार्थ के नजरिए से नहीं…और पढ़ें

दोस्ती का दिन: बदलते दौर में भले ही दोस्ती को लेकर तरह-तरह की बातें क्यों न होने लगी हो. लेकिन आज भी समाज में सच्ची मित्रता देखने को मिलती है. जो लोगों के लिए प्रेरणादायक होती है. कुछ इसी तरह का नजारा केनरा ग्रामीण स्वरोजगार प्रशिक्षण संस्थान में देखने को मिलता है. जहां कार्यरत माधुरी शर्मा और रमेश चंद्र जोशी की दोस्ती इतनी अटूट है कि विपरीत परिस्थितियों में भी एक दूसरे के साथ खड़े रहते हैं.

माधुरी शर्मा ने लोकल 18 से खास बातचीत करते हुए कहा कि रिश्तो की अहमियत को समझते हुए उन रिश्तों के साथ चलना प्रत्येक व्यक्ति की अहम जिम्मेदारी होती है. उन्होंने कहा कि पारिवारिक रिश्ते भले ही खून के माने जाते हैं, लेकिन दोस्ती का रिश्ता ऐसा होता है जिसे भगवान ने बनाया होता है. इसीलिए भगवान श्री कृष्णा और सुदामा की तरह मित्रता में सदैव एक दूसरे के लिए कठिन समय में भी साथ खड़े रहना चाहिए. उन्होंने कहा कि उनके जीवन में भी एक ऐसे एक सच्चे मित्र रमेश चंद्र जोशी है जो हमेशा विपरीत परिस्थितियों में भाई की तरह साथ खड़े रहते हैं.

ऐसे हुई थी दोस्ती की शुरुआत
माधुरी शर्मा बताती है जब उनकी वर्ष 2012 में जॉब लगी थी. तब उनके सामने सबसे बड़ी यही चुनौती की किस तरह में इस क्षेत्र में कार्य कर पाएंगी. तब संस्थान में ही कार्यरत रमेश चंद जोशी से उनकी मित्रता हुई. तब से लेकर अब तक हर परिस्थिति में वह उनके साथ खड़े हुए नजर आते हैं. उन्होंने बताया कि जब उनका सिलेक्शन महिला कल्याण अधिकारी के तौर पर भी हुआ था. उस समय भी उनका उन्होंने बहुत सहयोग किया. इसी तरह अब उनकी दोस्ती को 13 साल हो गए हैं, लेकिन वह आज भी एक दूसरे के साथ हमेशा खड़े रहते हैं.

जब अपनों ने भी नहीं दिया साथ

रमेश चंद्र जोशी बताते है कि जीवन में जब कभी पैसों की जरूरत हो तो अपने भी साथ छोड़ते हुए नजर आते है. ऐसे ही उनके जीवन में भी एक दौर आया था. जब उन्हें एमफिल करनी थी. उसके लिए उनके पास पैसे नहीं थे. तब उन्होंने कई लोगों से पैसों के लिए कहा. लेकिन किसी ने भी उनका साथ नहीं दिया. तब उन्होंने अचानक से माधुरी से अपने सपने की जिक्र करते हुए सभी बातें बताई. तब माधुरी ने तुरंत उन्हें पैसे देते हुए कहा कि भाई आप एमफिल करो. पैसे की चिंता बिल्कुल भी मत करो. उन्होंने कहा कि उनके जीवन के लिए यह सबसे अनमोल पल था.

रिश्तो की अहमियत समझें युवा

रमेश चंद्र जोशी और माधुरी शर्मा दोनों ही कहते है कि वर्तमान समय में युवाओं को रिश्तो की अहमियत समझनी चाहिए. जीवन में दोस्ती हो या फिर पारिवारिक रिश्ते उन्हें कभी भी स्वार्थ के नजरिए से नहीं देखना चाहिए. बल्कि उस रिश्ते की अहमियत को समझते हुए आगे बढ़ना चाहिए. माधुरी और रमेश चंद्र जोशी की दोस्ती के अनेकों किस्से हैं. जो युवाओं के लिए प्रेरणा है.

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मनीष राय

काशी के बगल चंदौली से ताल्लुक रखते है. बिजेनस, सेहत, स्पोर्टस, राजनीति, लाइफस्टाइल और ट्रैवल से जुड़ी खबरें पढ़ना पसंद है. मीडिया में करियर की शुरुआत ईटीवी भारत हैदराबाद से हुई. डिजिटल में 6 साल से ज्यादा का अन…और पढ़ें

काशी के बगल चंदौली से ताल्लुक रखते है. बिजेनस, सेहत, स्पोर्टस, राजनीति, लाइफस्टाइल और ट्रैवल से जुड़ी खबरें पढ़ना पसंद है. मीडिया में करियर की शुरुआत ईटीवी भारत हैदराबाद से हुई. डिजिटल में 6 साल से ज्यादा का अन… और पढ़ें

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