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Putrada Ekadashi 2025 : नहीं हो रहे बच्चे, पुत्रदा एकादशी के दिन दुर्लभ संयोग, खरीद लाओ लड्डू

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Putrada Ekadashi 2025 : अयोध्या के ज्योतिष पंडित कल्कि राम बताते हैं कि सावन माह के पुत्रदा एकादशी का व्रत करने से जीवन में सुख, सौभाग्य और वंश में वृद्धि होती है, पुत्र रत्न की प्राप्ति पक्की है.

अयोध्या. सनातन धर्म में एकादशी तिथि बेहद महत्त्वपूर्ण मानी जाती है. साल में 24 एकादशियां आती हैं. इस दिन व्रत रखा जाता है. प्रत्येक एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित है. हर साल सावन माह की शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि को पुत्रदा एकादशी (Putrada Ekadashi) के रूप में मनाया जाता है. हिंदू पंचांग के अनुसार, इस वर्ष पुत्रदा एकादशी 5 अगस्त को मनाई जाएगी. धार्मिक मान्यता के अनुसार, सावन माह के पुत्रदा एकादशी का व्रत करने से जीवन में सुख, सौभाग्य और वंश में वृद्धि होती है, साथ ही पुत्र रत्न की प्राप्ति भी होती है. चलिए इस रिपोर्ट में जानते हैं कि इस बार कब है पुत्रदा एकादशी और शुभ संयोग क्या है.

कब से कब

अयोध्या के ज्योतिष पंडित कल्कि राम बताते हैं कि सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि 4 अगस्त को सुबह 11:41 से शुरू हो रहा है. 5 अगस्त को दोपहर 1:12 पर मिनट पर एकादशी तिथि का समापन होगा. ऐसी स्थिति में 5 अगस्त को सुबह 5:45 से लेकर सुबह 8:26 मिनट तक शुभ मुहूर्त है. 5 अगस्त को पुत्रदा एकादशी का पर्व मनाया जाएगा.

पंडित कल्कि राम बताते हैं कि सावन माह के शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर कई शुभ योग का निर्माण भी हो रहा है. इसमें इंद्र योग, भद्र वास योग के साथ रवि योग बन रहा है. इस योग में भगवान विष्णु और माता पार्वती की पूजा आराधना और महादेव का अभिषेक करने से जीवन में सुख सौभाग्य और संतान की प्राप्ति होती है.

एकादशी तिथि के दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर पूजा पाठ करना चाहिए. भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विधि विधान से आराधना करें. विष्णु सहस्त्रनाम का पाठ करें. ऐसा करने से जीवन में चल रहीं तमाम परेशानियां दूर होंगी. भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी की विशेष कृपा बनी रहेगी.

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