ashwagandha benefits| aswagandha ke fayde|शरीर को मिलेगी घोड़े जैसी ताकत, नसों की कमजोरी होगी दूर, दर्जनभर बीमारियों से छुटकारा, बस डाइट में शामिल कर लें ये चीज

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अश्वगंधा के सेवन से सफेद बाल की समस्या,आंखों के रोग, गला रोग, टीबी रोग, सर्दी – खांसी, छाती दर्द, पेट की बीमारी, कब्ज की समस्या, ल्यूकोरिया, शारीरिक कमजोरी, स्पर्म काउंट, खून की समस्या और मियादी बुखार जैसी तमा…और पढ़ें
राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय नगर बलिया की सात साल अनुभवी (MD और पीएचडी इन मेडिसिन) चिकित्साधिकारी डॉ. प्रियंका सिंह ने कहा कि असली अश्वगंधा के पौधों को मसलने पर घोड़े के पेशाब जैसी गंध आती है. इसलिए इसको अश्व (घोड़ा) गंधा (गंध) के नाम से जाना जाता है. इसकी जड़ें छोटी और पतली होती हैं. सबसे बड़ी बात इस पौधे के पत्ते, जड़, फल और बीज सभी औषधि हैं. आयुर्वेद के अनुसार अश्वगंधा बेहद लाभकारी और गुणकारी जड़ी बूटियों में से एक हैं
इसके सेवन से सफेद बाल की समस्या,आंखों के रोग, गला रोग, टीबी रोग, सर्दी – खांसी, छाती दर्द, पेट की बीमारी, कब्ज की समस्या, ल्यूकोरिया, इंद्रिय दुर्बलता, गठिया, दर्द और सूजन, पुराना चोट, त्वचा रोग, शारीरिक कमजोरी, स्पर्म काउंट, खून की समस्या और मियादी बुखार जैसी तमाम गंभीर बीमारियां दूर हो जाती हैं. यानी मोटापा घटाने, बल और वीर्य विकार से भी निजात मिल सकती है. उक्त अनेक बीमारियों में लाभकारी और गुणकारी है. अश्वगंधा के साथ बीमारी के हिसाब से अन्य औषधि के सेवन का भी चिकित्सा परामर्श देते हैं.
अश्वगंधा एक महत्वपूर्ण औषधि
वैसे ज्यादातर इसके जड़ का चूर्ण 2 से 4 ग्राम या काढ़ा 10 से 30 मिलीग्राम तक सेवन किया जा सकता है. यह आयुर्वेद में कैप्सूल के रूप में भी मिलता है. इसके चूर्ण को दूध के साथ भी सेवन किया जा सकता है. वैसे, अश्वगंधा एक महत्वपूर्ण औषधि है, इसलिए इसका सेवन किन्हीं परिस्थितियों में हानिकारक भी हो सकता है. अतः एक बार चिकित्सक से परामर्श जरूर लें.
Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.