Ajab Gajab : मरा नहीं हूं, मुझे जिंदा कीजिए…कौशांबी में सरकारी दफ्तरों के चक्कर काट रहा ‘मुर्दा’, जिसकी सिर्फ एक मांग

आखरी अपडेट:
Kaushambi news in hindi : आदमी को साक्षात देखने के बाद भी कोई अफसर उसे जिंदा मानने को तैयार नहीं है. जिंदा को मुर्दा करने का जिले में यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी एक केस सामने आया था.
हाइलाइट्स
- अफसरों ने जीवित बुजुर्ग को मृत घोषित किया.
- बुजुर्ग अमर सिंह यादव पेंशन के लिए चक्कर काट रहे हैं.
- एसडीएम ने मामले की जांच का आश्वासन दिया.
कौशांबी. उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. अफसरों ने एक जीवित बुजुर्ग को मृत घोषित कर दिया. अब वह अधिकारियों के दफ्तरों का चक्कर काट-काट अपने जिंदा होने का सबूत दे रहा है. अफसर भी ऐसे, साक्षात देखने के बाद भी कोई उसे जिंदा मानने को तैयार नहीं है. जिंदा को मुर्दा करने का जिले में यह कोई पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी विकासखंड मंझनपुर से कुछ ऐसा ही मामला सामने आया था, जहां एक बुजुर्ग महिला को मृत घोषित कर उसकी पेंशन रोक दी गई थी.
ताजा मामला विकासखंड कड़ा का है, जहां सैयदराजेपुर ग्राम पंचायत के रहने वाले 70 वर्षीय बुजुर्ग अमर सिंह यादव को मिल रही वृद्धा पेंशन अचानक उनके खाते में आनी बंद हो गई. उन्होंने जब इसके बारे में पता किया तो पता चला कि उन्हें तो जिम्मेदारों ने सरकारी कागजों में मुर्दा घोषित कर दिया है. इसके बाद से बुजुर्ग अमर सिंह यादव अपने जिंदा होने का सबूत लेकर सरकारी दफ्तरों के चक्कर काटने को मजबूर हैं.
बुजुर्ग अमर सिंह यादव कहते हैं कि बीते दो साल से उन्हें मृत घोषित कर उनकी वृद्धा पेंशन रोकी हुई है. दो साल से वे लगातार दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं. उनकी कहीं भी सुनवाई नहीं हो रही. बुजुर्ग का कहना था कि कई बार विकासखंड से लेकर विकास भवन तक का वे चक्कर लगा चुके हैं लेकिन जिम्मेदारों को उन पर तरस नहीं आता. इस पूरे प्रकरण को लेकर एसडीएम सिराथू योगेंद्र कुमार गौड़ का कहना है कि मामले की जांच कराकर कार्यवाही की जाएगी.