AIMIM के प्रवक्ता असीम वक़ार का बकरीद पर बयान, कहा- जीव हत्या का जिन्न सिर्फ बकरीद पर आता है बाहर

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Lucknow news: एआइएमआइएम (AIMIM) के प्रवक्ता असीम वक़ार ने कहा कि आखिर क्यों बकरीद पर ही जीव हत्या का जिन्न बहार निकलता है? मुसलमानों को चाहिए इस पर कोई सफाई न दें.

ईद उल अज़हा को लोग आमतौर पर बकरीद के नाम से भी जानते हैं, जो इस साल 7 जून को है.
हाइलाइट्स
- असीम वक़ार ने बकरीद पर जीव हत्या के मुद्दे पर सवाल उठाया.
- वक़ार ने नन्द किशोर गुर्जर और राजा सिंह पर निशाना साधा.
- वक़ार ने गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित करने की अपील की.
उत्तर प्रदेश: ईद-उल-अजहा यानी बकरीद इस साल 7 जून को मनाई जाएगी और इस दिन इस्लाम को मानने वाले बकरे या किसी और जानवर की कुर्बानी देते हैं, लेकिन इस बीच एक बार फिर से इस पर बयानबाजी का दौर शुरू हो चुका है.
कईयों पर साधा निशाना
राजा सिंह जो तेलंगाना से हैं उनकी स्टेट के मेंढक ज़िले में अल कबीर क़त्ल खाने का घेराव करे वह से बीफ निर्यात किया जाता है, जो कि दुनिया के 35 मुल्कों में बिकता है और वो भी सबसे महंगे दामों में, क्यों नहीं रोकते हो..मोदी जी से कहें लाइसेंस रोक दें.
मैं भारत सरकार से अपील करता हूं कि जिस तरह से ऊँट को संरक्षित किया गया है उसी तरह गाय को राष्ट्रीय पशु घोषित किया जाए, जब सरकार ऊँट को बचा सकती है, तो गाय को क्यों नहीं? आप ऊंट बचा रहे हैं गाय क्यों नहीं. इस दौरान उन्होंने अंत में कहा कि ये जीव हत्या का जो जिन्न है वह सालभर कहां छुपा रहता है और सालभर आपके दिलों से ये जीव प्रेम बाहर क्यों नहीं आता है.