Independence Day Story : एक या दो नहीं…133 वीरों की मौत का गवाह, यहां पहुंचते ही कांपने लगती रूह, रोगटें खड़े हो जाते हैं!

आखरी अपडेट:
Independence Day Story : इसने अनगिनत वसंत और पतझड़ देखे. वह दिन भी देखा जब मेरठ में आजादी की चिंगारी सुलगी. तात्या टोपे की वीरता और लक्ष्मीबाई का बलिदान देखा. 133 वीरों की फांसी का गवाह रहा.
अत्याचार ही अत्याचार
बना डाला फांसीघर
अंग्रेज इस बरगद की शाखाओं पर फंदा डालकर स्वतंत्रता सेनानियों को लटका देते थे. उस दौर में यह जगह लोगों के दिलों में डर भरने के लिए इस्तेमाल की जाती थी. चारों ओर सैनिक पहरा देते थे और दूर-दूर से लोग इन घटनाओं को देखकर सिहर उठते थे. लेकिन अंग्रेजों का यह क्रूर तरीका भी भारतीयों की आज़ादी की चाह को खत्म नहीं कर पाया. बल्कि इसने क्रांतिकारियों के जोश को और बढ़ा दिया. समय और लापरवाही के चलते यह ऐतिहासिक वृक्ष सूख गया. 2010 में अखबारों ने इसकी बिगड़ती हालत पर खबरें छापीं, लेकिन हुआ कुछ नहीं. हालांकि, इसकी जगह पर लगे स्मारक पत्थर और आसपास बनाया गया संरक्षित क्षेत्र आज भी लोगों को बूढ़े बरगद की याद दिलाते हैं. यह हमें सिखाते हैं कि स्वतंत्रता की रक्षा करना उतना ही जरूरी है, जितना उसे पाना.