Agriculture News: किसान भाई! कम लागत में कमाना है तगड़ा मुनाफा? तो शुरू करें तिल की खेती, सरकार भी दे रही है सब्सिडी

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Til Ki Kheti Tips: किसान पारंपरिक तिल्ली की खेती छोड़ रहे हैं, जबकि सरकार अनुदान और मुफ्त बीज देकर तिल की खेती को बढ़ावा दे रही है. तिल की खेती कम लागत में मुनाफा देती है और पानी की कम जरूरत होती है.
हाइलाइट्स
- सरकार तिल की खेती के लिए अनुदान दे रही है.
- तिल की खेती कम लागत में मुनाफा देती है.
- किसानों को मुफ्त बीज और मिनी किट दी जा रही है.
कम लागत में मिलेगा ज़्यादा मुनाफा
तिल की खेती किसानों के लिए फायदे का सौदा साबित हो सकती है. क्योंकि, तिल से बना तेल आम तेलों के मुकाबले ज्यादा कीमत पर बिकता है. किसान चाहें तो तिल को सीधे बेच सकते हैं या फिर इसका तेल निकालकर भी बेच सकते हैं. यही नहीं, तिल का इस्तेमाल दवाओं और स्वास्थ्य से जुड़ी चीजों में भी किया जाता है.
तिल की खेती का सही समय
इस समय खरीफ फसलों की बुवाई का मौसम चल रहा है. मक्का, बाजरा, तिल, अरहर और धान जैसी फसलें इस समय बोई जाती हैं. कई किसानों ने अपनी खरीफ फसलें बो दी हैं लेकिन जिनके खेत अब भी खाली हैं, वे अभी भी तिल की बुवाई कर सकते हैं.
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तिल की खेती से बढ़ाएं आमदनी
कृषि अधिकारी भगवती प्रसाद ने लोकल18 को बताया कि तिल की खेती खरीफ सीजन की मुख्य फसल मानी जाती है. पूर्वी उत्तर प्रदेश में इसे खरीफ के समय ही बोया जाता है. उन्होंने बताया कि अब किसान तिल को ज्यादा महत्व नहीं दे रहे हैं क्योंकि उन्हें मुनाफा कम नजर आता है. लेकिन अगर किसान तिल की खेती सही तरीके से करें तो यह फसल औषधीय गुणों से भरपूर है और अच्छी आमदनी भी देती है.
कृषि अधिकारी ने यह भी बताया कि जून का महीना तिल की बुवाई के लिए सबसे सही समय होता है. अगर किसान जुलाई में तिल बोते हैं तो अक्सर बीज बारिश के पानी में दब जाते हैं जिससे फसल खराब हो जाती है. इसलिए जून में ही तिल का छिड़काव करके इसकी बुवाई कर देनी चाहिए ताकि जुलाई तक फसल उगने लगे. सरकार किसानों को तिल की खेती के लिए अनुदान भी दे रही है जिससे किसान बिना ज्यादा खर्च के अच्छी फसल तैयार कर सकें.