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इस निंजा टेक्निक से बरसात में करें हरी मिर्च की खेती, जीवन में घोल देंगी रस, पौधा सालभर देगा फल

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Chilli Cultivation Tips : लगभग हर घर में इसकी खपत है. इस कारण इसकी मांग कभी कम नहीं होती. साल के 12 महीने इसे दबाकर खाया जाता है. इसके बिना तो कई लोगों के गले से खाना नीचे नहीं उतरता.
बाराबंकी. हरी मिर्च की खेती किसानों के जीवन में मिठास घोल रही है. यह एक ऐसी फसल है जिसे साल के किसी भी समय लगाया जा सकता है. बरसात के मौसम में इसकी खेती किस्मत बदल सकती है. इस मौसम में किसानों को बेहतर गुणवत्ता वाली फसल मिलती है. हरी मिर्च की खेती से किसानों को निरंतर आय मिलती है. बाजार में इसकी मांग बनी रहती है. देश के लगभग हर घर में हरी और लाल मिर्च का यूज होता है. इस कारण इसकी मांग कभी कम नहीं होती. बरसात के मौसम में विशेष तकनीकों का इस्तेमाल करके हरी मिर्च की खेती और भी लाभदायक बनाई जा सकती है. इससे फसल की गुणवत्ता और उत्पादन दोनों में वृद्धि होती है.
पांच साल से पड़े पीछे
बाराबंकी जिले के पलहरी का पुरवा गांव के रहने वाले किसान रामप्रकाश दूसरी फसलों के साथ हरी मिर्च की खेती भी करते हैं. आज वे करीब डेढ़ बीघा में देशी हरी मिर्च की खेती कर रहे हैं. इसकी खेती से एक फसल पर 60 से 70 हजार रुपये मुनाफा कमा रहे हैं. लोकल 18 से बातचीत में वे कहते हैं कि हरी मिर्च की खेती करीब 5 साल से कर रहा हूं. पहले सिर्फ पारंपारिक खेती करते थे, उसमें हमें ज्यादा फायदा नजर नहीं आ रहा था. इसके बाद हमने हरी मिर्च की खेती शुरू की. आज करीब डेढ़ बीघे में हरी मिर्च की खेती कर रहे हैं, जिसमें लागत एक बीघे में 5 से 6 हजार रुपये आती है और मुनाफा 60 से 70 हजार रुपये तक हो जाता है.
ये रहा उगाने का पूरा तरीका
किसान रामप्रकाश बताते हैं कि इसकी खेती करने के लिए सबसे पहले हम मिर्च के बीज लाते हैं. फिर इसकी नर्सरी तैयार करते हैं. उसके बाद खेत की जुताई की जाती है. फिर खेत में बेड बनाकर 12 इंच की दूरी पर इसके पौधे लगाए जाते हैं. जब पौधा थोड़ा बड़ा हो जाता है, तब इसकी सिंचाई करते हैं. फिर इसके पौधे में खाद और कीटनाशक दवाइयां का छिड़काव करना पड़ता है, जिससे पौधा अच्छा चलता है और रोग भी नहीं लगता. पौधा लगाने के 60 से 70 दिनों बाद फसल निकलना शुरू हो जाती है. अब इसे तोड़कर बाजार में बेचा जा सकता है.