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12 साल पढ़ाया, फिर भी जात पूछकर बाहर करने का आरोप…पीड़ित अध्यापक ने प्रिंसिपल की 2 साल पहले CM से की थी शिकायत

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Noida News: आल इंडिया गेस्ट टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अरुण डेढ़ा ने भी गौरव के आरोपों का समर्थन किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रिंसिपल हरिओम का रवैया तानाशाहीपूर्ण रहा है और वह गेस्ट शिक्षकों को मानसिक रूप …और पढ़ें

मयूर विहार फेज-तीन स्थित राजकीय माध्यमिक कन्या/बाल विद्यालय (कोंडली-घड़ौली) एक बार फिर विवादों में है. यहां वर्षों से कार्यरत रहे गेस्ट शिक्षक गौरव ने स्कूल के प्रधानाचार्य हरिओम पर जातीय भेदभाव और मानसिक उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए हैं. शिक्षक गौरव का दावा है कि उन्हें जाति के आधार पर निशाना बनाकर अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई और 30 जुलाई को स्कूल से बाहर कर दिया गया.

गौरव ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि वह पिछले 12 वर्षों से इस स्कूल में सामाजिक विज्ञान पढ़ा रहे थे. 2023 में उन्होंने मुख्यमंत्री को एक शिकायत भेजी थी, जिसमें प्रधानाचार्य द्वारा कथित तौर पर की गई जातिसूचक टिप्पणी का उल्लेख किया गया था. उनके अनुसार, उसी के बाद से उन्हें लगातार प्रताड़ित किया गया. गौरव ने आरोप लगाया कि उन्हें कई बार जातिसूचक शब्दों से संबोधित किया गया और मानसिक रूप से प्रताड़ित किया गया.

गेस्ट टीचर्स एसोसिएशन का समर्थन:
आल इंडिया गेस्ट टीचर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष अरुण डेढ़ा ने भी गौरव के आरोपों का समर्थन किया है. उन्होंने आरोप लगाया कि प्रिंसिपल हरिओम का रवैया तानाशाहीपूर्ण रहा है और वह गेस्ट शिक्षकों को मानसिक रूप से प्रताड़ित करते रहे है. अरुण के अनुसार, सितंबर 2024 में भी गौरव को हटाने का प्रयास हुआ था, लेकिन जब मामला मीडिया में आया तो कार्रवाई टाल दी गई. इस बार एक बार फिर उन्हें ‘अनुशासनहीनता’ और ‘दुर्यवहार’ के आरोप में सेवा से हटा दिया गया.

प्रधानाचार्य की प्रतिक्रिया:
लोकल 18 द्वारा संपर्क की कोशिशों के बावजूद प्रधानाचार्य हरिओम ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी. उन्होंने कॉल का जवाब नहीं दिया. हालांकि कुछ प्रिंट मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, प्रधानाचार्य ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए इसे प्रशासनिक निर्णय बताया है, जो शिक्षक की अनुशासनहीनता को ध्यान में रखते हुए लिया गया.

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मयूर विहार स्कूल के प्रिंसिपल पर लगा जातिगत भेदभाव का आरोप, जानें पूरा मामला

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