नोच कर खा जाती थी मां और बहनों के बाल, मंडराने लगा था मौत का साया! फिर हुआ कुछ ऐसा

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Kaushambi News : बचपन की एक अजीब आदत मंजू के लिए जानलेवा साबित होने वाली थी. गौरतलब है कि कौशाम्बी की रहने वाली 21 साल की मंजू मानसिक तनाव के चलते बाल खाने की लत लग गई थी. पेट में बालों का गुच्छा जमा हो जाने स…और पढ़ें
पेट में तेज़ दर्द, लगातार उल्टी, भूख खत्म होना और तेजी से गिरता वजन. लेकिन बीमारी की असली वजह किसी की समझ में नहीं आई. एक के बाद एक अस्पतालों और अल्ट्रासाउंड जांचों के बावजूद मंजू की हालत बिगड़ती गई. कोई भी डॉक्टर ऑपरेशन का जोखिम उठाने को तैयार नहीं था. परिजनों की सारी उम्मीदें टूट चुकी थीं, लेकिन तभी नारायण स्वरूप हॉस्पिटल ने मंजू की जिंदगी की आखिरी उम्मीद बनकर चमत्कार कर दिखाया.
मंजू को नारायण स्वरूप हॉस्पिटल, प्रयागराज में ले जाया गया, जहां वरिष्ठ सर्जन डॉ. राजीव सिंह, डॉ. विशाल केवलानी, डॉ. योगेंद्र, और डॉ. राज मौर्य की विशेषज्ञ टीम ने गंभीर स्थिति को समझते हुए तत्परता से इलाज की रूपरेखा बनाई. एडवांस तकनीक और अनुभव के आधार पर सफल ऑपरेशन किया गया, और पेट से बालों की बड़ी गांठ निकाली गई. बालों का गुच्छा लगभग आधा किलो, 1.5 फीट लंबा और 10 सेंटीमीटर मोटा बताया गया है. ऑपरेशन में खाने की थैली को ओपन करके सावधानीपूर्वक पूरे बाल के गुच्छों को निकाला गया, जिसे (Trichobezoar) कहा जाता है. पूरा गुच्छा निकालने के बाद आंत की धुलाई और सफाई करके खाने की थैली को रिपेयर कर दिया गया. ऑपरेशन करने में लगभग 2 घंटे का समय लगा.
क्या है ट्राइकोफेजिया?
डॉ. राजीव सिंह ने बताया कि यह लड़की खुद के और अपनी मां एवं बहन के बाल नोचकर खा जाती थी, जो पेट में पहुंचकर आंतों में इकट्ठा होकर गुच्छा बन गया था. इसे ट्राइकोफेजिया कहा जाता है. यह बहुत ही गंभीर बीमारी होती है. इस हालत में इंसान उन चीजों को खाने लगता है जो पचती नहीं हैं. इसके कारण उसके पेट में एक बड़ा सा गुच्छा बन गया था, जिसका वजन लगभग आधा किलो, 10 सेंटीमीटर मोटा और 1.5 फीट लंबा निकला.