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देवरिया में स्कूल मर्जर बना मुसीबत, पढ़ाई छोड़ रहे बच्चे, प्राइवेट स्कूल भेजने को मजबूर अभिभावक!

आखरी अपडेट:

Deoria News: देवरिया में स्कूलों के विलय से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है. बीएसए शालिनी श्रीवास्तव ने 30 स्कूलों का विलय रद्द कर 37 नए स्कूलों का विलय किया. अब कुल 251 स्कूल मर्ज हुए हैं.

देवरिया में स्कूल मर्जर बना मुसीबत, पढ़ाई छोड़ रहे बच्चे, प्राइवेट स्कूल...प्रतीकात्मक तस्वीर

हाइलाइट्स

  • देवरिया में 251 स्कूलों का विलय किया गया है.
  • विलय से बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है.
  • अभिभावक बच्चों को प्राइवेट स्कूलों में दाखिल कर रहे हैं.
देवरिया (उत्तर प्रदेश): शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने और संसाधनों के सही इस्तेमाल के मकसद से देवरिया ज़िले में स्कूलों का आपस में विलय (मर्ज) करने का फैसला लिया गया था. लेकिन अब यही फैसला बच्चों की पढ़ाई में सबसे बड़ी रुकावट बनता दिख रहा है.

दरअसल, प्रशासन ने पहले 50 से कम छात्रों वाले कुल 244 स्कूलों को मर्ज किया था. लेकिन परिषदीय स्कूलों के विलय में मनमानी की शिकायतों के बाद बीएसए शालिनी श्रीवास्तव ने बीते शुक्रवार देर रात 30 स्कूलों के विलय को रद्द करते हुए 37 नए स्कूलों के विलय का आदेश जारी किया. इसके बाद अब मर्ज किए गए कुल स्कूलों की संख्या 251 हो गई है.

बच्चों की पढ़ाई पर असर

शासन ने शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के इरादे से यह कदम उठाया था, लेकिन ज़मीनी हकीकत इसके उलट है. स्कूलों के मर्जर के कारण कई बच्चों का स्कूल आना बंद हो गया है, वहीं कई अभिभावक अपने बच्चों को नजदीकी प्राइवेट स्कूलों में दाखिला दिलाने को मजबूर हो गए हैं.

देवरिया का कारीटोला जामनी प्राथमिक विद्यालय, जिसे परसौनी प्राथमिक विद्यालय में मर्ज किया गया है, वहां के प्रधानाध्यापक मदन पाल साहनी ने बताया कि उनके स्कूल में केवल 27 बच्चे थे, इसलिए उसे मर्ज कर दिया गया. लेकिन अब उनमें से सिर्फ 6 या 7 बच्चे ही स्कूल आ रहे हैं. स्कूल एक किलोमीटर दूर होने के कारण अभिभावक बच्चों को भेज नहीं पा रहे हैं और वे उन्हें प्राइवेट स्कूलों में दाखिल करवा रहे हैं.

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