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11 अंकों का मोबाइल नंबर और फर्जी पहचान, लॉरेंस बिश्नोई गैंग की महिला अस्पताल में भर्ती, NIA ने किया चौंकाने वाला खुलासा

आखरी अपडेट:

गाजियाबाद जिला अस्पताल में इलाज के लिए पहुंची महिला के लॉरेंस बिश्नोई गैंग से संबंधों की जांच में एनआईए सक्रिय हो गई है.अस्पताल रिकॉर्ड में गड़बड़ी और फर्जी नंबर मिलने पर तीन सदस्यीय जांच समिति गठित कर विस्तृत …और पढ़ें

गाजियाबाद- गाजियाबाद के जिला अस्पताल में उस समय हलचल मच गई, जब राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की टीम ने लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े एक संवेदनशील मामले की जांच के लिए अस्पताल का दौरा किया. यह कार्रवाई 18 जून 2025 को हुई, जब गुल्फ़सा नाम की एक महिला इमरजेंसी वार्ड में इलाज के लिए लाई गई थी.

महिला के पति पर बिश्नोई गैंग से संबंध का शक
एनआईए को शक है कि गुल्फ़सा के पति के संबंध कुख्यात लॉरेंस बिश्नोई गैंग से हैं. इस आधार पर एजेंसी ने महिला के इलाज, दस्तावेजों और पहचान से जुड़ी पूरी जानकारी गाजियाबाद के मुख्य चिकित्सा अधिकारी (CMO) से मांगी है.

बता दें कि 18 जून को गुलफ्स नाम की महिला अस्पताल में रीढ़ की हड्डी में दर्द के इलाज के लिए भर्ती हुई थी, कुछ दिनों बाद उसके पति ने इसी को आधार बनाकर दिल्ली हाईकोर्ट में बेल एप्लीकेशन फाइल की थी, गुलफसा का पति लॉरेंस विश्नोई गैंग का शातिर मेंबर है.

अस्पताल में दर्ज रजिस्टर की जांच शुरू
सीएमओ ने मामले की गंभीरता को देखते हुए एमएमजी अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय जांच कमेटी गठित की है. यह कमेटी महिला के इलाज, पंजीकरण प्रक्रिया और अस्पताल रिकॉर्ड की प्रमाणिकता की गहराई से जांच कर रही है. जांच के दौरान एक चौंकाने वाली जानकारी सामने आई है. महिला के नाम के सामने दर्ज मोबाइल नंबर 11 अंकों का पाया गया है, जबकि सामान्य मोबाइल नंबर 10 अंकों के होते हैं. इससे अस्पताल के रिकॉर्ड में गड़बड़ी और फर्जीवाड़े की आशंका गहराने लगी है.

NIA ने अब महिला के परिवार की पृष्ठभूमि और रिश्तेदारों की गतिविधियों की भी जांच शुरू कर दी है. संदेह है कि परिवार के कुछ सदस्य सीधे या परोक्ष रूप से गैंग से जुड़े हो सकते हैं. एजेंसी इसे संगठित अपराध से जोड़कर देख रही है और हर पहलू की तह तक जाने की कोशिश कर रही है.

लॉरेंस बिश्नोई गैंग की जड़ें तलाश रही एनआईए
एनआईए का फोकस अब इस बात पर है कि कहीं यह महिला इलाज के बहाने अस्पताल आकर गैंग के सदस्यों तक कोई जानकारी या संसाधन तो नहीं पहुंचा रही थी. इस पूरे घटनाक्रम को लॉरेंस बिश्नोई गैंग के नेटवर्क विस्तार और लॉजिस्टिक सपोर्ट के नजरिए से देखा जा रहा है.

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11 अंकों का मोबाइल नंबर और फर्जी पहचान, अस्पताल पहुंची लॉरेंस गैंग की महिला

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