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NEET UG Result 2025: सपनों में जान हो तो सेल्फ स्टडी भी काफी है! बलिया की आयुषी ने NEET में लहराया परचम

आखरी अपडेट:

Ballia Hindi News: आयुषी पांडेय ने NEET UG 2025 में 99.6 पर्सेंटाइल और ऑल इंडिया रैंक 8257 हासिल कर बलिया का नाम रोशन किया. बिना कोचिंग, घर से तैयारी कर सफलता पाई. डॉक्टर बनकर सेवा करना चाहती हैं.

हाइलाइट्स

  • आयुषी पांडेय ने NEET UG 2025 में 99.6 पर्सेंटाइल हासिल किया.
  • बिना कोचिंग, घर से तैयारी कर आयुषी ने सफलता पाई.
  • आयुषी का सपना है डॉक्टर बनकर जरूरतमंदों की सेवा करना.

बलिया: “हर पहाड़ चढ़ो, हर समंदर पार करो, सफलता इंतज़ार कर रही है… बस खुद पर यकीन रखो.” बलिया की होनहार बेटी आयुषी पांडेय ने इस कथन को सच कर दिखाया है. आयुषी ने न सिर्फ 10वीं और 12वीं में शानदार प्रदर्शन किया, बल्कि NEET UG 2025 में भी कमाल की सफलता हासिल की है. उसे ऑल इंडिया रैंक 8257 और 99.6 पर्सेंटाइल मिला है, जिससे बलिया का नाम पूरे देश में रोशन हुआ है.

आयुषी बलिया ज़िले के गड़वार रोड स्थित निराला नगर की रहने वाली है. उन्होंने 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद NEET की परीक्षा दी और कड़ी मेहनत से यह बड़ी सफलता हासिल की. जैसे ही इस खबर की जानकारी लोगों को मिली, घर में खुशी की लहर दौड़ गई और बधाइयों का तांता लग गया.

बिना कोचिंग, घर से की तैयारी
आमतौर पर छात्र-छात्राएं NEET की तैयारी के लिए बड़े शहरों और महंगे कोचिंग संस्थानों का रुख करते हैं. लेकिन आयुषी ने घर पर रहकर सेल्फ स्टडी और ऑनलाइन संसाधनों के जरिए NEET की पूरी तैयारी की. उन्होंने बताया कि उनका पढ़ाई का कोई फिक्स टाइम नहीं था. वह जब भी मन करता, पढ़ने बैठ जाती थीं और रोज़ाना टास्क पूरा होने तक पढ़ाई करती थीं.

आयुषी की पढ़ाई का समय थोड़ा अलग था. दिन में बाकी कामों के साथ समय निकालना मुश्किल होता, इसलिए वह अक्सर रात में 2 बजे तक पढ़ाई करती थीं. इस दौरान उनकी मां उनका पूरा ध्यान रखती थीं और परिवार का हर सदस्य हर मोड़ पर उनका सपोर्ट सिस्टम बना रहा.

परिवार से मिला पूरा सहयोग
आयुषी के पिताजी प्रशांत पांडेय और दादाजी सुभाष पांडेय दोनों पेशे से वकील हैं. परिवार का कहना है कि आयुषी शुरू से ही पढ़ाई को लेकर गंभीर रही है. वहीं, आयुषी की दादी इंदु पांडेय का कहना है कि वह बहुत मन लगाकर पढ़ाई करती है और हम सबको भरोसा है कि यह बच्ची जरूर डॉक्टर बनेगी.

डॉक्टर बनकर करना चाहती है सेवा
आयुषी का सपना है कि वह एक सफल डॉक्टर बने और जरूरतमंद मरीजों की सेवा कर सके. उनका मानना है कि देश में डॉक्टरों की संख्या अभी भी कम है और डॉक्टर को भगवान का रूप माना जाता है. आयुषी कहती हैं, “अगर मन लगाकर पढ़ाई करो तो कोई भी लक्ष्य बड़ा नहीं होता. मैं अपने दम पर डॉक्टर बनकर दिखाऊंगी.”

घरआजीविका

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