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Ghazipur News : 50 साल, 85 अवॉर्ड…ऐसा अचार जो हर थाली में, घर जैसा नहीं, घर वाला स्वाद

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Ghazipur news in hindi : स्थानीय स्तर पर शुरू हुई ये पहल अब गाजीपुर की पहचान बन चुकी है. इसमें शुद्धता का खास ध्यान रखा जाता है. यही वजह है कि लोग हजारों विकल्पों के बीच इसे ही पसंद करते हैं.

हाइलाइट्स

  • गाजीपुर का महाराज अचार 50 साल पुराना है.
  • महाराज अचार को 85 से अधिक अवॉर्ड मिल चुके हैं.
  • इस फैक्ट्री में 17 प्रकार के अचार बनाए जाते हैं.

Famous pickle/गाजीपुर. खाने के साथ अक्सर सब्जियों की भरपाई हम अचार से करते हैं. शायद ही कोई घर हो, जहां अचार न मिले. यूपी के गाजीपुर में तो अचार बनाने की पूरी फैक्ट्री है. गाजीपुर के स्टीमर घाट के पास इस अचार फैक्ट्री को महाराजा फूड ग्राम उद्योग कहते हैं. 50 साल पुरानी इस फैक्ट्री का अचार गाजीपुर की हर गली में महकता है और देशभर में सप्लाई होता है. यहां के अचार की पहचान केवल स्वाद नहीं, बल्कि सम्मान में भी है. पूर्णिमा केसरी इस उद्योग की मुख्य सदस्य हैं. वे बताती हैं कि अब तक इस उद्योग को 85 से अधिक अवॉर्ड मिल चुके हैं. इनमें 17 नेशनल अवार्ड, 28 स्टेट अवार्ड, 32 गवर्नर अवार्ड, 5 एग्रीकल्चर अवार्ड और 3 BHU अवार्ड शामिल हैं.

साथ रहना, साथ काम

Local 18 से बात करते हुए पूर्णिमा केसरी बताती हैं कि इस उद्योग की शुरुआत उनके माता-पिता ने इसलिए की थी ताकि आसपास के लोगों को रोजगार दिया जा सके. आज इस फैक्ट्री में कुल 20 वर्कर काम करते हैं. पूर्णिमा के अनुसार, इस उद्योग की नींव परिवार की एकता और परंपरा पर टिकी है, जहां सभी लोग साथ रहते हैं और साथ काम करते हैं. घर के खेत से आम, मसाले और तेल आता है. शुद्धता का विशेष ध्यान रखा जाता है. यही वजह है कि लोग हजारों विकल्पों के बीच महाराज अचार ही पसंद करते हैं. यहां का स्वाद घर जैसा नहीं, घर वाला है.

महाराज फूड ग्राम उद्योग में 17 प्रकार के अचार बनते हैं, जिनमें कटहल, करौंदा, आम, मिर्च, लहसुन, अदरक, नींबू, मीठा आम और मिक्स अचार प्रमुख हैं. यहां सॉस और केचअप भी बनाए जाते हैं. काम का समय सुबह 9:30 बजे से शाम 5:00 बजे तक है. इस वक्त कटहल और अदरक के अचार की मांग तेजी से बढ़ रही है. गाजीपुर के लोगों की पहली पसंद आम, मिर्च और लहसुन का अचार है. पूर्णिमा केसरी बताती हैं कि उनके बाबूजी देशभर में एग्जीबिशन में जाते थे, जहां उनके अचार को विशेष पहचान और अवॉर्ड मिलते थे. उनका अचार ऑनलाइन भी उपलब्ध है.

घरजीवन शैली

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