Ground report: अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा सैयदराजा-जमानिया राष्ट्रीय राजमार्ग, ‘यमदूत’ बने गड्ढे, हर दिन खतरों से खेलते है लोग

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सैयदराजा- जमानिया राष्ट्रीय राजमार्ग बिहार, बलिया, गाजीपुर, चंदौली और बीच के हजारों गांवों को जोड़ता है. पूर्वाचंल के सर्वाधिक व्यस्ततम राजमार्गों में भी इसका नाम शुमार है. मगर यह मार्ग और यहां की जनता लंबे अरस…और पढ़ें

सैयदराजा-जमानिया मार्ग
चंदौली: सैयदराजा से जमानिया और गाजीपुर तक की सड़क की हालत बेहद खराब है. यह मार्ग कई वर्षों से क्षतिग्रस्त है और इसे कागजों पर मुख्य मार्ग बताया जाता है, लेकिन वास्तव में इसकी स्थिति अत्यंत दयनीय है. यहां से गुजरने वाले राहगीरों को काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. आए दिन गड्ढों में गिरकर लोग घायल हो जाते हैं. गंभीर मरीजों को इस रास्ते से ले जाना मुश्किल है, क्योंकि बीच रास्ते में ही मरीज की जान चली जाएगी.
सैयदराजा-जमानिया राष्ट्रीय राजमार्ग बिहार, बलिया, गाजीपुर, चंदौली और हजारों गांवों को जोड़ता है. यह पूर्वाचंल के सबसे व्यस्ततम मार्गों में से एक है, लेकिन यहां की जनता लंबे समय से अच्छे दिनों का इंतजार कर रही है. इस मार्ग पर जमानिया से सैयदराजा तक बड़े-बड़े गड्ढे हो गए हैं, जिनमें गिरकर वाहन चालक आए दिन घायल हो रहे हैं. इसके बावजूद जिले के उच्चाधिकारियों और जनप्रतिनिधियों का ध्यान इस ओर नहीं जा रहा है.
25 किलोमीटर सड़क बेहद बदहाल
सड़क पूरी तरह से गड्ढों में तब्दील हो चुकी है. 2002 में तत्कालीन भाजपा सरकार के दौरान केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्री रहे राजनाथ सिंह ने सैयदराजा-जमानियां, गाजीपुर संपर्क मार्ग को राजमार्ग-97 घोषित किया था. जमानियां से सैयदराजा तक 25 किलोमीटर सड़क बेहद बदहाल है. सड़क पर गिट्टी उखड़ने और गड्ढा होने से क्षेत्र के लोगों को जिला मुख्यालय और अन्य नगरों में आने-जाने में कठिनाई होती है. मार्ग पर प्रतिदिन सैकड़ों वाहनों का आवागमन होता है, और मार्ग की खराब स्थिति से व्यवसाय पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. क्षेत्र का विकास ठप हो गया है, और लोग गांव छोड़कर शहरों की ओर पलायन करने पर मजबूर हो रहे हैं.
शख्स ने सोशल मीडिया पर किया पोस्ट
एक युवक ने सोशल मीडिया पर पोस्ट करते हुए लिखा, ‘अगर बाइक से हैं तो आपकी हेडलाइट गिर सकती है, और हैंडल जोर से पकड़ना होगा. थोड़ा भी ढील दी तो गड्ढों में गिरने में देर नहीं लगेगी. धूल और गर्दे की कोई कमी नहीं है. स्पीड कम रखनी होगी, नहीं तो आपकी गाड़ी हवा में उड़ सकती है. ऑटो रिक्शा (टेम्पू) से यात्रा करते समय बात नहीं करनी है, दांत टूटने का डर रहेगा. मिट्टी वाली मटकी या कोई कमजोर वस्तु साथ न ले जाएं, वरना मंजिल तक पहुंचने से पहले वह मिट्टी में मिल जाएगी. यह मुख्य मार्ग है, लेकिन मुख्य लोगों को इसकी परवाह नहीं है. चुनाव नजदीक आने पर ही शायद इसपर ध्यान दिया जाएगा.’ युवक ने कहा कि वे इन समस्याओं से दूर रहना चाहता है, लेकिन चार दिनों से कमर सीधी नहीं हो रही है, इसलिए उसे यह कहना पड़ा. फिलहाल कल से आराम है.

काशी के बगल चंदौली से ताल्लुक रखता हूं. मुझे बिजेनस, सेहत, स्पोर्टस, राजनीति, लाइफस्टाइल और ट्रैवल से जुड़ी खबरें पढ़ना पसंद है. मैंने मीडिया में करियर की शुरुआत ईटीवी भारत से की थी. डिजिटल में पांच साल से ज्या…और पढ़ें
काशी के बगल चंदौली से ताल्लुक रखता हूं. मुझे बिजेनस, सेहत, स्पोर्टस, राजनीति, लाइफस्टाइल और ट्रैवल से जुड़ी खबरें पढ़ना पसंद है. मैंने मीडिया में करियर की शुरुआत ईटीवी भारत से की थी. डिजिटल में पांच साल से ज्या… और पढ़ें