किशनपुर सेंचुरी की प्रतिष्ठित बाघिन बेलडांडा है घायल, इसकी खासियत जान रह जाएंगे हैरान

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किशनपुर सेंचुरी की प्रतिष्ठित बाघिन बेलडांडा को हाल ही में घायल अवस्था में देखा गया है जिसका फोटो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. आपको बता दें, इस बाघिन ने अब तक 13 शावकों को जन्म दिया है. वहीं इसके स्वास्थ्…और पढ़ें

बाघिन
हाइलाइट्स
- बाघिन बेलडांडा घायल अवस्था में देखी गई
- बेलडांडा ने अब तक 13 शावकों को जन्म दिया है
- बेलडांडा की तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो रही हैं
लखीमपुर:- उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जिले के तराई इलाके में स्थित दुधवा नेशनल पार्क बाघों के लिए जाना जाता है. देश विदेश से सैलानी दुधवा नेशनल पार्क व किशनपुर सेंचुरी रेंज में पहुंच कर बाघों का दीदार करते हैं. वहीं किशनपुर सेंचुरी रेंज की सबसे चर्चित बाघिन बेलडांडा है. बाघिन बेलडांडा ने 13 शावकों को जन्म दिया है. उसके संघर्ष और लचीलेपन ने उसे पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना दिया है. हाल ही में बाघिन बेलडांडा को घायल अवस्था में देखा गया है, जिसका फोटो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. उसके स्वास्थ्य को लेकर चिंता व्यक्त की गई है.
2019 में पहली बार दुनिया का ध्यान खींचा था इसने
आपको बता दें, बाघिन बेलडांडा ने 1999 से 2006 के बीच 11 शावकों को जन्म दिया था और एक समय में इसे भारत की सबसे ज़्यादा फ़ोटो खींची जाने वाली बड़ी बिल्ली के रूप में सम्मानित किया गया था, जबकि बेलडांडा की विरासत संघर्ष से परिभाषित होती है. उसने पहली बार 2019 में दुनिया का ध्यान खींचा जब उसकी तस्वीर पांच शावकों के साथ खींची गई थी
घायल अवस्था में देखी गई है बाघिन
बता दें, दुधवा टाइगर रिजर्व के किशनपुर सेंचुरी की प्रतिष्ठित बाघिन बेलडांडा को हाल ही में घायल अवस्था में देखा गया है जिसका फोटो भी सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. सोशल मीडिया पर शेयर की गई तस्वीरों में वह घायल दिख रही है, जिससे उसकी सेहत को लेकर चिंता बढ़ गई है, क्योंकि वह वर्तमान में अपने तीन साल के शावकों के साथ किशनपुर वन्यजीव अभयारण्य में रहती है. बाघिन ने अब तक 13 शावकों को जन्म दिया है.
फोटोग्राफर ने क्या कहा
वन्यजीव फ़ोटोग्राफ़र सिद्धार्थ सिंह ने लोकल 18 से बातचीत करते हुए बताया, कि मैंने उसे पहली बार 2014 या 2015 में देखा था, जब वह अपनी मां और बहन के साथ थी, उसका नाम बेलडांडा वाटरहोल के नाम पर रखा गया था, जहां उसे पहली बार देखा गया था. आगे उन्होंने बताया कि बेल डांडा परिवार की तरह है. कई पर्यटक सिर्फ उसे देखने के लिए आते हैं, और उसकी देखभाल को प्राथमिकता दी जानी चाहिए. वहीं, इसको लेकर एक पर्यटक ने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा है . बेलडांडा दुधवा का चेहरा है और उसकी चोटें जानलेवा प्रतीत होती हैं. उसे बेहोश करके उपचार दिया जाना चाहिए.