तरबूज की खेती से चमकी किसान की किस्मत, हर एकड़ से कर रहा है लाखों की कमाई.. जानिए टिप्स

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तराई इलाके में तरबूज की खेती काफी आम है और किसान इस फसल से अच्छी कमाई करते हैं. यह क्षेत्र तरबूज की खेती के लिए उपयुक्त है, खासकर बालू वाली मिट्टी में, जो कि लखीमपुर-खीरी जिले के तराई इलाके में किसान सिंघिया गा…और पढ़ें

तरबूज
हाइलाइट्स
- तरबूज की खेती से किसान को अच्छा मुनाफा हो रहा है.
- रेतीली-दोमट मिट्टी तरबूज की खेती के लिए आदर्श है.
- तरबूज की डिमांड गर्मियों में बढ़ जाती है.
लखीमपुर जिला: यूपी के लखीमपुर जिले के सिंघिया गांव के रहने किसान हरप्रीत सिंह इस समय तरबूज की खेती कर रहे हैं. तरबूज की खेती कर किसान को अच्छा खासा मुनाफा भी हो रहा है. कम लागत में अधिक मुनाफा तरबूज की खेती से कमाया जा सकता है. किसान ने जानकारी देते हुए बताया कि हम करीब 40 एकड़ में तरबूज की खेती कर रहे हैं. गर्मियों के मौसम में हर किसी को तरबूज खाना बहुत पसंद है. ऐसे में तरबूज की डिमांड बाजारों में बढ़ जाती है. खेतों में लहलहाते तरबूज के बड़े-बड़े फल देखकर लोगों का मन ललचा जाता है.
तरबूज की खेती के लिए आदर्श है रेतीली-दोमट मिट्टी
तरबूज का फलन शुरू होते ही दिल्ली से व्यापारी आने लगते हैं और खेत से ही सारा तरबूज खरीद लेते हैं. इस समय तरबूज दिल्ली में बिक रहा है. तराई क्षेत्र में रेतीली और दोमट मिट्टी होती है, जो तरबूज की खेती के लिए आदर्श होती है. तराई क्षेत्र में नदियों के पास होने के कारण, तरबूज की खेती में सिंचाई की कम आवश्यकता होती है, क्योंकि पौधे नदियों से पानी सोख लेते हैं
तरबूज भारत ही नहीं कई देशों में बड़े ही चाव से खाया जाता है. गर्मियों के दिनों में तरबूज शरीर को तरोताजा तो रखता ही है. साथ ही यह किसानों की आमदनी भी बढ़ाता है. मार्केट में 25 से 30 रुपए प्रति किलो थोक भाव में तरबूज की बिक्री हो जाती है, क्योंकि शादियों का सीजन प्रारंभ हो चुका है. ऐसे में बाजारों में फलों की डिमांड बढ़ जाती है. किसान ने बताया कि तरबूज की खेती से लाखों रुपए कमाया जा सकता है.
शारदा नदी में आई थी बाढ़ ने मचाई थी तबाही
किसान ने बताया कि बीते वर्ष शारदा नदी में आई बाढ़ व कटान के कारण तराई क्षेत्र के रहने वाले किसानों की हजारों एकड़ जमीन शारदा नदी में कट गई थी, जिस कारण किसानों का लाखों रुपए का नुकसान हो गया था. जमीन कट जाने के कारण उसे जमीन पर गन्ना वह अन्य फसलें पैदा नहीं हो पाती है जिस कारण अब हम लोग तरबूज की खेती इस समय कर रहे हैं.