General Knowledge : काशी का अनोखा मंदिर! नहीं है देवी-देवता की मूर्ति… फिर भी लगा रहता है लोगों का तांता

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Bharat Mata Mandir: भारत मंदिरों और मूर्तियों का देश है. लेकिन वाराणसी में एक मंदिर ऐसा भी है जहां देवी-देवताओं की मूर्तियां नहीं है. यह मंदिर दुनियाभर के पर्यटकों को आकर्षित करता है. महात्मा गांधी ने 1936 में…और पढ़ें

देश का इकलौता भारत माता लजे मंदिर
हाइलाइट्स
- काशी में भारत माता का अनोखा मंदिर है.
- मंदिर में देवी-देवता की मूर्ति नहीं है, बल्कि भारत का मानचित्र है.
- मंदिर को संगमरमर के पत्थरों से बनाया गया है.
वाराणसी: देश के अलग-अलग हिस्सों में कई ऐसी चींजे है जिनके बारे में कम ही लोग जानते हैं.ऐसी ही एक खास चीज है भारत माता का अनोखा मंदिर. जहां आज भी अखंड भारत की तस्वीर दिखाई देती है. इस मंदिर को बेहद ही खास तरीके से बनाया गया है. संगमरमर के पत्थर पर बेहद ही बारीकी से यहां भारत माता का मानचित्र उकेरा गया गया. यूपी के वाराणसी में देश का यह अनोखा मंदिर स्थापित है.
इस मंदिर में किसी भी देवी-देवता का कोई भी प्रतिमा नहीं स्थापित है. बल्कि यहां सफेद संगमरमर के मोटे पत्थरों से भारत माता का मानचित्र बनाया गया है. यह मंदिर पूरे दुनिया में इकलौता ऐसा मंदिर है, जहां संगमरमर के पत्थरों से अखंड भारत की तस्वीर दिखाई गई है. इस अनोखे मंदिर को देखने के लिए देश ही नहीं बल्कि दुनियाभर से पर्यटक काशी आते हैं.
6 साल में हुआ तैयार
मंदिर की देखरेख करने वाले राजीव ने बताया कि इस मानचित्र को बनाने में 11 इंच लंबे और चौड़े मकराना के 762 टुकड़ों का इस्तेमाल हुआ है. आजादी से पहले 1918 में इसके निर्माण का काम शुरू हुआ था. 6 साल बाद 1924 में यह अखंड भारत का मानचित्र बनकर तैयार हुआ. जिसके बाद 25 अक्टूबर 1936 को राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने इसका उद्घाटन किया. उद्घाटन समारोह में कई स्वतंत्रता सेनानी शामिल हुए थे.
यहां से मिला था आइडिया
राजीव ने बताया कि बाबू शिव प्रसाद गुप्त 1913 में कांग्रेस के अधिवेशन के लिए कराची गए थे. वहां से वापस लौटने समय वो मुम्बई से पुणे आएं. जहां उन्होंने मिट्टी से बने अखंड भारत की तस्वीर देखी थी. वहीं से उन्हें इसका आइडिया आया था. जिसके बाद उन्होंने कई कारीगरों से इसके लिए बातचीत की और अंत में काशी के दुर्गा प्रसाद इसे बनाने के लिए तैयार हुए.
800 छोटी-बड़ी नदियां भी हैं शामिल
इस अनोखे मंदिर में बने जो भारत का मानचित्र है उसमें अफगानिस्तान, बलूचिस्तान, बांग्लादेश, तिब्बत, अरब सागर, को भी दर्शाया गया है. अखंड भारत के इस मानचित्र में पहाड़, नदियां, झील, टापुओं और समुद्र को भी उनकी गहराई और ऊंचाई के आधार पर बताया गया है. बताते चलें कि इस मानचित्र में 800 छोटी और अन्य बड़ी नदियों को उकेरा गया है.