National

प्राइवेट स्कूलों की तानाशाही, वसूल रहे मनमानी फीस! छलका अभिभावकों का दर्द, बोले – ‘दाल रोटी के लाले’

आखरी अपडेट:

Noida: नोएडा के बहुत से अभिभावक प्राइवेट स्कूलों की मनमानी फीस के खासे परेशान हैं. उनका कहना है कि ज्यादातर पैसा स्कूल की फीस में निकल जाता है और वे अपनी आवश्यक चीजों की पूर्ती भी नहीं कर पाते.

एक्स

यूपी

यूपी का ये VVIP जिला सिर्फ नाम का: यहां प्राइवेट स्कूलों के तानाशाही, मनमानी वसू

हाइलाइट्स

  • नोएडा में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी फीस से अभिभावक परेशान.
  • अभिभावकों का कहना है कि फीस के कारण आवश्यक चीजें भी नहीं खरीद पाते.
  • भारतीय किसान यूनियन ने स्कूलों की बढ़ती फीस पर कार्यवाही की मांग की.

ग्रेटर नोएडा. उत्तर प्रदेश का गौतम बुद्ध नगर जिला वीआईपी जिलों में शुमार है. यहां पर प्राइवेट स्कूल संचालकों की तानाशाही हर साल बढ़ती जा रही है. प्राइवेट स्कूलों में मनमाने तरीके से फीस वसूली जा रही है. गौतम बुद्ध नगर जिले के लोगों ने कहा कि इसकी शिकायत कई बार की गई, लेकिन कोई भी जिम्मेदार इस पर कोई कार्यवाही नहीं करता. इस वजह से हमें अपने बच्चों को पढ़ाने-लिखाने में अब दाल-सब्ज़ी हमारी थालियों से गायब हो रही है. यह दर्द है ग्रेटर नोएडा के रहने वाले पेरेंट्स अभिषेक राघव का, जो एक कंपनी में मैनेजर की पोस्ट पर हैं. उनका बेटा एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ाई करता है.

मनमानी और तानाशाही दिखा रहे स्कूल संचालक
गौतम बुद्ध नगर जिले के ग्रेटर नोएडा में स्कूलों की संख्या जिस तरह से बढ़ रही है, उसी तरह से फीस दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही है. शहर के रहने वाले एक पेरेंट ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि ‘मेरा बेटा 5वीं क्लास में ग्रेटर नोएडा के एक प्राइवेट स्कूल में पढ़ाई करता है. मैं एक प्राइवेट कंपनी में काम करता हूं. मुझे महीने का 17,000 मिलता है, जिसमें से बच्चे की फीस 6,000 देता हूं. उसके बाद किराए के मकान का किराया देता हूं. इस वजह से इतना परेशान हो जाता हूं कि आखिरी महीने के कुछ दिनों में हमारे घर में दाल और खाने के लिए सब्ज़ियां नहीं होतीं. फीस के अलावा भी स्कूल में महीने में एक्स्ट्रा पैसे मांगे जाते हैं. कहां से दें, कैसे दें, क्या करें, बहुत परेशानियां बढ़ती जा रही हैं.’

इसी क्रम में लोकल 18 ने और भी पेरेंट्स से बातचीत की. सभी का एक ही कहना है कि सरकार को तत्काल प्राइवेट स्कूलों की तानाशाही और मनमानी वसूली पर रोक लगानी चाहिए.

भारतीय किसान यूनियन ने भी की कार्यवाही की मांग
भारतीय किसान यूनियन के पदाधिकारी ने स्कूलों की बढ़ती फीस और महंगी किताबों के खिलाफ कार्यवाही की मांग की है. संगठन के प्रतिनिधिमंडल ने जिला अधिकारी कार्यालय पहुंचकर प्रशासनिक अधिकारी अरविंद कुमार को प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन सौंपा.

जिला अध्यक्ष ने निजी स्कूलों की बताई तानाशाही
भारतीय किसान यूनियन के जिला उपाध्यक्ष मोनू कसाना ने बताया कि प्रदेश में निजी स्कूलों की मनमानी चरम सीमा पर है. बिल्डिंग फीस और महंगी किताबों के नाम पर किसानों, मज़दूरों और गरीब अभिभावकों का शोषण किया जा रहा है. स्कूलों में एनसीईआरटी की किताबों का इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है. इससे अभिभावकों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ पड़ रहा है.

नहीं हुई कार्यवाही तो होगा आंदोलन
संगठन के अधिकारियों ने प्रशासन से इन समस्याओं को तुरंत समाधान करने की मांग की. साथ ही चेतावनी देते हुए कहा कि अगर मांगे नहीं पूरी की गईं, तो भारतीय किसान यूनियन पूरे प्रदेश में आंदोलन करेगा.

घरuttar-pradesh

प्राइवेट स्कूलों की तानाशाही, वसूल रहे मनमानी फीस! छलका अभिभावकों का दर्द

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button