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हे किसानों…पता है इन दिनों कितनी महंगी है फूल गोभी? जब पता है तो उगाते क्यों नहीं, ये रहा तरीका

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Cauliflower farming tips in rainy season : इसे खरीफ के सीजन में भी आसानी से उगा सकते हैं, जो आमतौर पर रबी की फसल है. इन दिनों ये कम ही दिखती है. दिखती भी है तो इसे खरीदने के लिए ‘गुर्दा’ चाहिए.
रायबरेली. जून-जुलाई से लेकर अगस्त तक का महीना खरीफ की फसलों के लिए सबसे उपयुक्त माना जाता है. इस मौसम में किसान मुख्य तौर पर धान, मक्का और बाजरा की खेती करते हैं. लेकिन कई कुछ ऐसी भी फसले हैं, जिन्हें खरीफ के सीजन में भी आसानी से उगा कर किसान अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. इन्हीं फसलों में फूल गोभी की है, जो आमतौर पर रबी के सीजन की मुख्य फसल मानी जाती है. किसान इसे खरीफ के सीजन में भी उगा कर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. आइए कृषि विशेषज्ञ से जानते हैं कि खरीफ के सीजन में फूलगोभी की खेती करने के लिए किसानों को कौन से तरीके अपनाने होंगे.
सबसे जरूरी है ये बात
कृषि के क्षेत्र में 10 वर्षों का अनुभव रखने वाले रायबरेली के राजकीय कृषि केंद्र शिवगढ़ के प्राविधिक सहायक कृषि विवेक कुमार (Msc Ag) लोकल 18 से बताते हैं कि रबी के सीजन में होने वाली फूलगोभी की खेती के लिए नम जलवायु और सामान्य तापमान की जरूरत होती है. इसीलिए यह फसल ज्यादा ठंड और गर्मी सहन नहीं कर पाती. शुष्क मौसम और कम नमी भी इस फसल के लिए अनुकूल नहीं होती है. अधिक तापमान होने पर इसका फूल पीला पड़ जाता है. बीच में छोटी-छोटी पत्तियां उग आती हैं. इसीलिए जरूरी है कि फूलगोभी की खेती ऐसी मिट्टी में की जाए जहां पोषक तत्व और जीवांश पर्याप्त मात्रा में पौधे को मिल सके. खेत में पर्याप्त नमी के साथ ही जल निकासी की उचित व्यवस्था हो. अगेती किस्म के लिए बलुई दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है. नर्सरी में तैयार चार से 6 सप्ताह के पौधों की रोपाई कर दें.
इन बातों का रखें ध्यान
जून से जुलाई माह में फूलगोभी की खेती करने वाले किसान सबसे पहले नर्सरी तैयार करें. इसके लिए वह बीज की बुवाई से पहले कॉपटान या थीराम 2 से 3 ग्राम प्रति किलो ग्राम की दर से बीज उपचारित कर लें. इससे पौधा स्वस्थ रहेगा और अच्छा विकास होगा. विवेक कुमार बताते हैं कि खरीफ के सीजन में फूलगोभी की खेती करने के लिए किसान पाली हाउस बना लें. क्योंकि खरीफ के सीजन में पाली हाउस में इस फसल के अनुरूप तापमान मिल जाएगा. इससे फसल की पैदावार अच्छी होगी. पौधे की रोपाई पंक्तिवार करें. पौधे से पौधे की दूरी 45 सेमी और पंक्ति से पंक्ति की दूरी 60 सेमी रखें. रोपाई करने के बाद हल्की सिंचाई कर दें. अगर खेत की मिट्टी हल्की है तो 5 से 6 दिन बाद और भारी मिट्टी में 8 से दिन बाद सिंचाई करते रहें.