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हंसी खुशी विवाह की चल रही थी तैयारियां, घर में अचानक आ धमकी पुलिस, बाहर जुट गई भीड़, फिर जो हुआ…

जौनपुर: यूपी के जौनपुर जिले में बाल विवाह के एक मामले को समय रहते जिला प्रशासन और महिला एवं बाल विकास विभाग की तत्परता से रोक लिया गया है. यह कार्रवाई न केवल कानून का पालन सुनिश्चित करने का उदाहरण है, बल्कि एक किशोरी के बेहतर भविष्य की दिशा में उठाया गया सराहनीय कदम भी है.

किशोरी की शादी को पुलिस ने रुकवाया

पूरा मामला जिले के एक ग्रामीण इलाके की है. जहां एक नाबालिक बालिका की शादी तय कर दी गई थी. स्थानीय लोगों से मिली सूचना पर महिला कल्याण विभाग, चाइल्डलाइन और पुलिस की संयुक्त टीम ने मौके पर पहुंचकर विवाह की तैयारियों को रुकवाया. जिला प्रोबेशन अधिकारी विजय कुमार पांडेय के निर्देशन में पूरी कार्रवाई को अंजाम दिया गया. उन्होंने बताया कि बाल विवाह अधिनियम 2006 के तहत यह पूर्णतः अवैध है और इसके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सकती है.

किशोरी के परिजनों को किया गया जागरुक

उन्होंने कहा कि बाल विवाह सिर्फ एक सामाजिक कुरीति नहीं, बल्कि बच्चों के स्वास्थ्य, शिक्षा और मानसिक विकास के लिए भी अत्यंत हानिकारक है. उन्होंने न सिर्फ यह विवाह रोका, बल्कि परिजनों को जागरूक करते हुए समझाया कि लड़की की उम्र कम है और अभी उसे पढ़ाई के अवसर दिए जाने चाहिए.

किशोरी को संरक्षण गृह में रखा गया

इस कार्रवाई के बाद बालिका को संरक्षण गृह में अस्थायी रूप से रखा गया है और उसके पुनर्वास व शिक्षा की व्यवस्था की जा रही है. जिला प्रशासन की ओर से यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि लड़की आगे की पढ़ाई जारी रख सके और उसकी सुरक्षा सुनिश्चित हो.

जिले में बाल विवाह रोकने के लिए जिला बाल संरक्षण इकाई, चाइल्डलाइन 1098, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और पंचायत स्तर पर सक्रिय बाल संरक्षण समितियां काम कर रही हैं. जिला प्रोबेशन अधिकारी ने बताया कि ऐसे मामलों की सूचना तुरंत मिलते ही टीमों को मौके पर भेजा जाता है. इसके साथ ही बाल विवाह रोकने के लिए स्कूलों, आंगनबाड़ियों और ग्रामीण समुदायों में जागरूकता कार्यक्रम भी चलाए जा रहे हैं.

विजय कुमार पांडेय ने यह भी बताया कि किशोर-किशोरियों को शिक्षा, स्वास्थ्य, पोषण और आत्मनिर्भरता की दिशा में आगे बढ़ाने के लिए विभिन्न योजनाएं चलाई जा रही हैं. सरकार की “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” और “मिशन शक्ति” जैसी योजनाओं के तहत भी बालिकाओं को विशेष रूप से सशक्त किया जा रहा है.

यह घटना स्पष्ट संकेत देती है कि प्रशासन और समाज मिलकर बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराइयों को जड़ से खत्म कर सकते हैं. एक छोटी सी सूचना और त्वरित कार्रवाई से एक बच्ची का जीवन संवर सकता है. इस तरह की पहलों से बाल विकास की दिशा में जिले में सकारात्मक बदलाव की आशा की जा सकती है.

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