सियासत, मस्जिद और मर्यादा! डिंपल यादव को लेकर मौलाना साजिद रशीदी के बयान पर देवबंदी उलमा का दो टूक जवाब, जानिए क्या कहा?

आखरी अपडेट:
Saharanpur News: मस्जिद में सियासी बैठक और मौलाना साजिद रशीदी की डिंपल यादव को लेकर अशोभनीय टिप्पणी पर देवबंदी उलमा कारी इसहाक गोरा ने जमकर निंदा की है. उन्होंने कहा कि किसी भी महिला के लिए ऐसे शब्दों का प्रयोग…और पढ़ें

हाइलाइट्स
- डिंपल यादव को लेकर मौलाना साजिद रशीदी की टिप्पणी पर बवाल
- देवबंदी उलमा कारी इसहाक गोरा ने साजिद रशीदी की निंदा की
- उन्होंने कहा कि मौलाना रशीदी को पूरे देश की महिलाओं से माफी मांगनी चाहिए
बयान महिलाओं की तौहीन
इस बयान की जमकर आलोचना हुई और देश भर से उलेमा-ए-कराम ने इस पर प्रतिक्रिया दी. इनमें प्रमुख प्रतिक्रिया देश के जाने माने प्रसिद्ध देवबंदी उलेमा मौलाना कारी इसहाक गोरा की रही, जिन्होंने स्पष्ट शब्दों में साजिद रशीदी की निंदा की. कारी गोरा ने कहा कि “जिस व्यक्ति के नाम के साथ मौलाना जुड़ा हो, उससे ऐसी गैर-शरीयत और गैर-अखलाकी भाषा की उम्मीद नहीं की जा सकती. यह बयान न केवल महिलाओं की तौहीन है, बल्कि मजहब की बुनियादी तालीमात के भी खिलाफ है.”
पूरे देश की महिलाओं से मांगें माफी
कारी इसहाक गोरा ने मांग की कि साजिद रशीदी को अपने बयान के लिए न सिर्फ़ महिलाओं से, बल्कि पूरे देश से माफी मांगनी चाहिए, क्योंकि इस बयान से ना केवल मज़हबी तहज़ीब को नुक़सान हुआ है, बल्कि एक महिला नेता को नीचा दिखाने की कोशिश भी की गई है, जो सरासर ग़लत है. यह पूरा मामला हमें यह सोचने पर मजबूर करता है कि क्या धर्म के मंच को सार्वजनिक रूप से अपमानजनक टिप्पणियों के लिए इस्तेमाल किया जाना चाहिए? क्या एक महिला का मस्जिद में होना इतना बड़ा मुद्दा है कि उसकी गरिमा को कुचल दिया जाए?

प्रधान संवाददाता, लखनऊ