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स‍िम कार्ड को लेकर सरकार उठा सकती बड़ा कदम, चीनी करनेक्‍शन ने किया मजबूर – HIndi news, tech news

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सरकार भारत जल्‍दी ही पुराने सिम कार्ड को लेकर बड़ा कदम उठा सकती है. दरअसल, जांच में पुराने भारतीय सिम कार्ड में चीनी चिपसेट पाए गए हैं. इसके बाद सरकार पुराने स‍िम कार्ड को बदलने पर व‍िचार कर रही है.

स‍िम कार्ड को लेकर सरकार उठा सकती बड़ा कदम, चीनी करनेक्‍शन ने किया मजबूर

पुराने स‍िम में चीनी च‍िप पाए गए हैं.

हाइलाइट्स

  • सरकार पुराने सिम कार्ड बदलने पर विचार कर रही है.
  • पुराने सिम कार्ड में चीनी चिपसेट पाए गए हैं.
  • साइबर सुरक्षा एजेंसी ने सिम कार्ड बदलने का सुझाव दिया.

नई द‍िल्‍ली. अगर आप पुराने स‍िम का इस्‍तेमाल कर रहे हैं तो हो सकता है क‍ि जल्‍द ही आपको इसे बदलना पडे. क्‍योंक‍ि सरकार फिलहाल भारत में मोबाइल फोन में इस्तेमाल हो रहे पुराने सिम कार्ड्स को बदलने के सुझाव पर विचार कर रही है. सरकार को ये सुझाव देश की साइबर सुरक्षा एजेंसी ने द‍िए हैं. दरअसल, सुरक्षा एजेंस‍ियों को जांच में ये पता चला है क‍ि पुराने सिम कार्ड्स के कुछ चिपसेट चीन से आए हैं. नेशनल साइबर सिक्योरिटी कोऑर्डिनेटर और गृह मंत्रालय के जांच के नतीजों ने राष्ट्रीय सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा कर दी हैं. इस जांच र‍िपोर्ट के आने के बाद पुराने सिम कार्ड्स को बदलने की चर्चा हो रही है.

मिंट की एक रिपोर्ट के अनुसार, नेशनल साइबर सिक्योरिटी कोऑर्डिनेटर (NCSC) ने टेलीकॉम ऑपरेटर्स जैसे रिलायंस जियो, एयरटेल और Vi के अधिकारियों के साथ बैठकें कीं, जिसमें दूरसंचार मंत्रालय के प्रतिनिधि भी शामिल थे. मीट‍िंंग में इस मुद्दे पर जोर द‍िया गया क‍ि कंपन‍ियां जब टेलीकॉम संसाधनों की खरीद करती हैं, तो उसमें कमजोरियों पर गौर करें. इसके साथ ही मीट‍िंंग में पुराने स‍िम कार्ड को बदलने पर भी चर्चा हुई. दरअसल, टेलीकॉम कंपन‍ियां, बहुत से एक्‍युपमेंट्स बाहर से मंगाती हैं.

भारतीय सिम कार्ड में चीनी चिप्स कैसे पहुंचे?
टेलीकॉम ऑपरेटर आमतौर पर सिम कार्ड की खरीद को उन विक्रेताओं को आउटसोर्स करते हैं जिन्हें विश्वसनीय सप्‍लायर के रूप में प्रमाणित किया गया है. ये विक्रेता वियतनाम और ताइवान जैसे स्वीकृत स्थानों से चिप्स मंगाते हैं, फिर उन्हें घरेलू स्तर पर असेंबल, पैकेज और सीरियलाइज करते हैं और मोबाइल सेवा प्रदाताओं को डिलीवर करते हैं.

हालांकि, रिपोर्ट्स में बताया गया है कि कुछ विक्रेताओं ने अपने विश्वसनीय स्रोत प्रमाणपत्र का दुरुपयोग किया. शुरुआत में उन्होंने दावा किया कि उनके सिम कार्ड चिप्स विश्वसनीय आपूर्तिकर्ताओं से प्राप्त किए गए थे, लेकिन बाद की जांच में पता चला कि कुछ चिप्स वास्तव में चीन से आए थे.

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