कम मेहनत, ज्यादा इनकम! कटहल की खेती से होगी तगड़ी कमाई, जानें तकनीक

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Jackfruit farming: कटहल का एक पौधा आमतौर पर 50 रुपये का मिलता है. इसे खाली पड़ी जमीन पर लगाने के बाद समय-समय पर सिंचाई की जाती है. इसमें विशेष लागत नहीं आती. लेकिन जब यह पौधा बढ़ता है तो कम समय में ही इसमें फल …और पढ़ें

मंडी ने कटहल की बिक्री करते किसान
फर्रुखाबाद: यदि आप भी गेहूं और धान की फसल करके थक चुके है तो यह जानकारी आपके लिए महत्वपूर्ण हो सकती है. आधुनिक युग में हर किसान कम भूमि पर न्यूनतम लागत में ऐसी फसल उगाना चाहता है. जिससे कुछ ही महीनों में लाखों रुपये की कमाई हो सके. ऐसे में जैकफ्रूट यानी कटहल की फसल खास मानी जा सकती है. आमतौर पर इसका प्रयोग घर में सब्जी बनाने फल और अचार के रूप में किया जाता है. जिसका स्वाद बेहद लाजवाब होता है और इसके चलते इसकी हर समय अच्छी मांग बनी रहती है.
सेहत के लिए कटहल बहुत लाभकारी होता है. इसमें विटामिन सी, विटामिन बी, सोडियम, आयरन, कैल्शियम, पोटेशियम, फॉस्फोरस और जिंक जैसे मिनरल्स प्रचुर मात्रा में पाए जाते है. इसे सदाबहार फसल भी कहा जाता है क्योंकि इसकी खेती किसी भी मौसम में की जा सकती है. उत्तर प्रदेश के विभिन्न जिलों, विशेषकर फर्रुखाबाद में, कटहल की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है.
कटहल की खेती के तरीके के बारे में किसान तेजपाल बताते है कि सबसे पहले खेत की अच्छी तरह से जुताई की जाती है और प्रति पांच मीटर की दूरी पर बड़े-बड़े गड्ढे बनाए जाते है. इन गड्ढों में गोबर से तैयार जैविक खाद डाली जाती है और फिर कटहल के पौधे लगाए जाते है. हर 15 दिन के अंतराल पर सिंचाई की जाती है और जड़ों में नीम की खली का प्रयोग किया जाता है. ये पौधे छह साल में फल देने लगते है. वर्तमान में क्षेत्र में कटहल की फसल का बंपर उत्पादन हो रहा है और किसान कटहल को डीसीएम में लोड करके आजादपुर, फरीदाबाद, साहिबाबाद और अन्य प्रदेशों में भेज रहे है.