लागत कम और मुनाफा अधिक… एक फसल पर 80 हजार तक बचत, किसान तुरंत शुरू कर दें ये खेती

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Desi Lobia ki kheti: किसानों के लिए देसी लोबिया की खेती मुनाफे का सौदा बन गई है. सब्जियों की बढ़ती मांग और सीमित उत्पादन के कारण बाजार में अच्छे दाम मिल रहे हैं. लोबिया की खेती में किसानों को कई फायदे हैं. इसमें लागत कम आती है. कम समय में अधिक कमाई होती है. बाजार में देसी लोबिया की मांग लगातार बनी रहती है. ये फसल कम समय में तैयार हो जाती है. इससे किसान साल में दो बार उत्पादन ले सकते हैं. बाराबंकी के किसान शिवराज यादव इसकी खेती में जुटे हैं. उन्हें लागत के हिसाब अच्छा मुनाफा मिल रहा है.

शिवराज कई साल से लोबिया उगा रहे हैं. वे बाराबंकी जिले के मुनीमाबाद गांव के रहने हैं. किसान शिवराज ने दूसरी फसलों के साथ देशी लोबिया की खेती की शुरू की थी. आज वे करीब तीन बीघे में लोबिया उगा रहे हैं. इस खेती से उन्हें एक फसल पर 70 से 80 हजार रुपये मुनाफा हो रहा है.

Local 18 से बातचीत में किसान शिवराज यादव कहते हैं कि वे सब्जियों की खेती तीन-चार साल से कर रहे है. इनमें टमाटर, करेला, हरी मिर्च और लोबिया शामिल हैं. किसान शिवराज बताते हैं कि इस समय हमारे यहां तीन बीघे में देशी लोबिया लगी है. एक बीघे में लागत 4 से 5 हजार रुपये आती है और मुनाफा एक फसल पर 70 से 80 हजार रुपये तक हो जाता है.

आजकल देसी लोबिया की पैदावार कम हो गई है. कम ही किसान इसकी खेती करते हैं, जिससे देशी लोबिया की डिमांड मुकाबले अधिक रहती है. इसकी बिक्री भी खूब होती है. इसे एक बार लगाने के बाद 3 से 4 महीने तक फसल मिलती रहती है.

किसान शिवराज के अनुसार, देसी लोबिया की खेती करना बहुत आसान है. पहले हम खेत की दो से तीन बार जुताई करते हैं. उसके बाद पूरे खेत में गोबर की खाद और उर्वरक का छिड़काव किया जाता है.

उसके बाद खेत को बराबर करके लोबिया के बीजों की बुआई की जाती है. जब पौधा थोड़ा बड़ा होने लगता है, तब इसकी सिंचाई करते हैं. बुवाई करने के महज दो से ढाई महीने के बाद फसल निकलना शुरू हो जाती है.