एक ही खेत से पाएं डबल फायदा, साथ में उगाएं ये सब्जियां; मिलेगा दोगुना फायदा – News18 हिंदी

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Vegetables Farming: किसानों के लिए फल और सब्जियों की खेती एक फायदेमंद विकल्प बन गई है. इस खेती का सबसे बड़ा लाभ यह है कि किसान तुरंत अपनी उपज बेचकर आमदनी प्राप्त कर सकते हैं. फल और सब्जियों की खेती में सफलता पा…और पढ़ें

यह तकनीक न केवल जमीन का बेहतर उपयोग करती है, बल्कि किसानों की आय भी बढ़ाती है. बाजार में फल और सब्जियों की लगातार मांग बनी रहती है, जिससे किसानों को अपनी उपज बेचने में आसानी होती है.

जिले के इस किसान ने कई सालों से खरबूजा और टमाटर की खेती कर रहे हैं, जिससे उन्हें अच्छा मुनाफा हो रहा है. बाराबंकी जिले के फतहाबाद गांव के रहने वाले किसान श्याम कुमार वर्मा ने सह फसली खेती की शुरुआत की, जिसमें उन्होंने खरबूजा और टमाटर उगाए और अच्छा मुनाफा कमाया.

आज वह लगभग डेढ़ बीघे में खरबूजा और टमाटर की खेती कर रहे हैं और इस खेती से उन्हें एक फसल पर लगभग 60 से 70 हजार रुपये का मुनाफा हो रहा है.

किसान श्याम कुमार वर्मा ने लोकल 18 से बातचीत में बताया कि वे पिछले दो सालों से सह फसली की खेती कर रहे हैं, जिसमें हरी मिर्च, फूल गोभी, भिंडी, टमाटर आदि फसलें शामिल हैं. इस समय लगभग डेढ़ बीघे में देसी खरबूजा और टमाटर लगे हुए हैं. एक बीघे में लागत 10 से 12 हजार रुपये आती है, जबकि मुनाफा 60 से 70 हजार रुपये तक होता है.

वे मल्च विधि से खेती करते हैं, जिससे खरपतवार कम होते हैं और फसल में रोग लगने का खतरा भी कम रहता है. सह फसली खेती का एक फायदा यह है कि एक ही लागत में दो फसलें तैयार हो जाती हैं. अगर एक फसल खराब हो जाए, तो लागत दूसरी फसल से निकल आती है.

इसकी खेती करना बहुत आसान है. पहले खेत की जुताई की जाती है, फिर इसमें वर्मी कंपोस्ट, गोबर और अन्य खादों का छिड़काव कर खेत में बेड बनाकर उस पर पन्नी डालकर दोनों तरफ छेद किए जाते हैं.

एक तरफ टमाटर के पौधे और दूसरी तरफ खरबूजे के बीज की बुवाई की जाती है. 15 से 20 दिन बाद पौधा बड़ा हो जाता है तब इसकी सिंचाई की जाती है. करीब 50 से 60 दिन बाद फसल तैयार हो जाती है, जिसे हम बाजार में बेच सकते हैं.