महिलाओं की सुरक्षा के लिए यूपी में बड़ा कदम: ऑटो-टैक्सी में ड्राइवर की पूरी पहचान अनिवार्य, जानिए नया आदेश

आखरी अपडेट:
उत्तर प्रदेश महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता चौहान ने महिलाओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए नया आदेश दिया है. अब हर ऑटो, टैक्सी, ओला-उबर में ड्राइवर की पहचान, मोबाइल नंबर और नजदीकी पुलिस स्टेशन की जानकारी सीट के…और पढ़ें

राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबिता चौहान ।
हाइलाइट्स
- यूपी महिला आयोग की अध्यक्ष ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए नया आदेश जारी किया है.
- ऑटो, टैक्सी, ओला-उबर में ड्राइवर की पूरी जानकारी सीट के पीछे लिखना अनिवार्य है.
- इससे महिलाएं सुरक्षित महसूस करेंगी.
आगरा: उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष बबीता चौहान एक बार फिर चर्चा में हैं. बबीता चौहान ने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर एक नया सख्त फैसला लिया गया. इससे पहले जब उन्होंने टेलर की दुकानों पर महिलाओं का नाप लेने के लिए महिला कर्मचारियों की अनिवार्यता का आदेश दिया था, तो यह फैसला सुर्खियों में रहा था. अब उन्होंने महिलाओं की सुरक्षा को लेकर पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम में बड़ा बदलाव लाने की पहल की है.
यात्रा के दौरान अब महिलाएं रहेंगी सतर्क
लोकल 18 लोकल से बातचीत में बबीता चौहान ने कहा कि महिलाओं और किशोरियों को यात्रा के दौरान सुरक्षित महसूस कराने के लिए ये कदम बेहद ज़रूरी है. उन्होंने यह भी कहा कि अगर महिलाओं के पास ड्राइवर की पूरी जानकारी होगी, तो वे उसे अपने परिजनों को भेज सकती हैं. इससे ना सिर्फ महिलाएं अधिक आत्मविश्वास से सफर करेंगी, बल्कि ड्राइवरों पर भी निगरानी बनी रहेगी और किसी तरह की गलत हरकत करने से पहले वे सोचेंगे.
बबीता चौहान ने बताया कि हाल ही में उनके वाराणसी दौरे के दौरान एक महिला के साथ ऑटो में असुरक्षित स्थिति पैदा हुई थी. उसी अनुभव के आधार पर उन्होंने यह सख्त कदम उठाया है. उन्होंने स्पष्ट किया कि यह नियम पहले भी मौजूद था, लेकिन अब इसकी सख्ती से निगरानी और पालन कराया जाएगा. महिला आयोग यह सुनिश्चित करेगा कि राज्यभर में इस आदेश को पूरी गंभीरता से लागू किया जाए.
महिला यात्रियों के लिए है फायदेमंद
महिलाओं की सुरक्षा को लेकर यह पहल समय की मांग भी है और बेहद व्यावहारिक भी. ड्राइवर की पूरी जानकारी उपलब्ध होने से महिलाएं किसी भी आपात स्थिति में पुलिस या अपने घरवालों से संपर्क कर सकती हैं. इसके साथ ही, ट्रांसपोर्ट सर्विस प्रोवाइडर भी अपने ड्राइवरों पर निगरानी और जवाबदेही बढ़ा सकेंगे.
बबीता चौहान के इस फैसले को महिला यात्रियों की सुरक्षा में एक महत्वपूर्ण बदलाव माना जा रहा है. उम्मीद है कि इस दिशा में राज्य सरकार, पुलिस और परिवहन विभाग मिलकर इसे सफलतापूर्वक लागू करेंगे, जिससे महिलाओं को पब्लिक ट्रांसपोर्ट में पूरी तरह से सुरक्षित महसूस हो सके.