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मंदाकिनी का रौद्ररूप तोड़ रहा हौसला…दुश्मन को भी रुला देगा चित्रकूट के इन दुकान वालों का दर्द, Ground Report

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Ground Report Chitrakoot flood : ऊपर से बादलों का तांडव, नीचे नदी का प्रहार. चित्रकूट के इन लोगों की स्थिति खराब होती जा रही है. मदद मांग रहे हैं, लेकिन मिल नहीं रही. जो मिला, वो भी खत्म हो चुका है.

चित्रकूट. धर्म नगरी चित्रकूट में बीते तीन दिनों से लगातार हो रही बारिश ने जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है. जहां एक ओर शहर के निचले इलाके जलमग्न हो गए हैं, दूसरी ओर रामघाट की पवित्र मंदाकिनी नदी ने चौथी बार रौद्ररूप धारण किया है. मंदाकिनी के जलस्तर में लगातार हो रही वृद्धि के चलते घाट किनारे की दुकानें जलमग्न हो गई हैं, जिससे कई दुकानदारों को भारी नुकसान का सामना करना पड़ा है. दुकानों में पानी घुसने के कारण व्यापार पूरी तरह ठप हो गया है. कई दुकानदारों ने अपनी दुकानों से सामान समेटकर सुरक्षित स्थानों पर शरण ली, जबकि कुछ का सारा सामान पानी में डूबकर बर्बाद हो गया. रामघाट की अधिकतर दुकानों में ताला पड़ गया है.

पेट पालन हो रहा मुश्किल

लोकल 18 की टीम ने जब रामघाट पहुंचकर बाढ़ प्रभावित दुकानदारों से बात की तो उनकी पीड़ा झलक उठी. दुकानदार नाथूराम प्रजापति और मनीष कुमार ने बताया कि 2003 के बाद पहली बार मंदाकिनी इतनी ऊंचाई तक चढ़ी है. पिछले एक महीने में नदी चार बार उफान पर आ चुकी है, जिससे हमारी दुकानें पूरी तरह डूब चुकी हैं. अंदर रखा पूरा सामान खराब हो गया है. प्रशासन से अब तक कोई ठोस सहायता नहीं मिली है. कुछ दिन पहले थोड़ी बहुत राशन सामग्री दी गई थी, लेकिन वह भी अब खत्म हो चुकी है. दुकानदारों का कहना है कि अगर स्थिति जल्द नहीं सुधरी और कोई राहत नहीं मिली तो उन्हें परिवार का पेट पालना भी मुश्किल हो जाएगा.

मदद की गुहार, मांग रहे ये चीज

स्थानीय प्रशासन की उदासीनता और बार-बार आने वाली बाढ़ ने रामघाट क्षेत्र के लोगों की कमर तोड़ दी है. अब दुकानदार और स्थानीय निवासी शासन से तत्काल राहत और पुनर्वास की मांग कर रहे हैं, ताकि मंदाकिनी के कहर से उबर सकें, और दोबारा वे लोग अपनी दुकानों को खोल सकें. इन्हें और कुछ नहीं चाहिए.

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मंदाकिनी का रौद्ररूप तोड़ रहा हौसला…रुला देगा इन दुकान वालों का दर्द

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