‘राहत चाहिए तो..’ मुख्तार अंसारी के परिवार को झटका, मौत की जांच से जुड़ी याचिका सुप्रीम कोर्ट ने की खारिज – Supreme Court dismissed plea related to gangster turned politician Mukhtar Ansari seeking inquiry into cause of death kapil sibal know why

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UP News : मुख्तार अंसारी के परिजनों को सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है. मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी ने दायर याचिका में आरोप लगाया गया था कि जेल में मुख्तार अंसारी की मौत संदिग्ध तरीके से हुई थी. न्याययि…और पढ़ें

सुप्रीम कोर्ट ने मुख्तार अंसारी की मौत की जांच से जुड़ी याचिका खारिज कर दी…
हाइलाइट्स
- सुप्रीम कोर्ट ने मुख्तार अंसारी की मौत की जांच याचिका खारिज की.
- मुख्तार अंसारी की मौत हार्ट अटैक से हुई थी.
- याचिकाकर्ता को हाई कोर्ट जाने की सलाह दी गई.
नई दिल्ली. उत्तरप्रदेश के बाहुबली नेता रहे मुख्तार अंसारी की संदिग्ध मौत से जुड़े मामले में दायर याचिका सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी है. मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी. दायर याचिका में आरोप लगाया गया था कि जेल में मुख्तार अंसारी की मौत संदिग्ध तरीके से हुई थी.याचिकाकर्ता के तरफ से सुप्रीम कोर्ट में कपिल सिब्बल ने याचिका दायर की थी. याचिका में मौत की जांच के लिए एसआईटी गठित करने की भी मांग की गई थी.
पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट में कपिल सिब्बल ने आरोप लगाया था कि मुख्तार अंसारी की न्यायिक हिरासत में संदिग्ध तरीके से मौत हुई थी. अभी तक न्याययिक जांच की रिपोर्ट याचिकाकर्ता और पीड़ित परिवार को नहीं दी गई है. मेडिकल रिपोर्ट में हार्ट अटैक से मौत की बात का उल्लेख करते हुए जजों ने याचिका खारिज कर दी. कहा कि इसमें सुप्रीम कोर्ट के दखल देने का कोई मामला नहीं बनता. फिर भी याचिकाकर्ता को अगर कोई राहत चाहिए तो वह हाई कोर्ट जा सकता है.
कोर्ट ने यूपी सरकार से तलब की थी मेडिकल रिपोर्ट
उत्तर प्रदेश के बांदा में 29 मार्च 2024 को माफिया मुख्तार अंसारी की हार्ट अटैक से मौत हुई थी. मजिस्ट्रियल जांच में भी हार्ट अटैक से मौत की पुष्टि की गई थी. मुख्तार की पोस्टमार्टम रिपोर्ट और बिसरा जांच में भी हार्ट अटैक से मौत की बात कही गई थी. मुख्तार के बेटे उमर ने सभी रिपोर्ट को चुनौती देते हुए अपने पिता को जहर दिए जाने का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका लगाई थी. पिछले साल जुलाई में कोर्ट ने याचिका पर संबंधित पक्षों को नोटिस जारी किया था. जनवरी 2025 में कोर्ट ने यूपी सरकार से मुख्तार से जुड़ी मेडिकल रिपोर्ट भी तलब की थी.
‘याचिकाकर्ता को कोई राहत चाहिए तो हाईकोर्ट जाएं’
उमर अंसारी के लिए पेश वकील निजाम पाशा ने जस्टिस एम एम सुंदरेश और जस्टिस राजेश बिंदल की बेंच से कहा कि रिपोर्ट 500 पन्नों से अधिक की है.ऐसे में पढ़कर जवाब दाखिल करने दिया जाए. हालांकि जजों ने इसे गैरजरूरी बताते हुए कहा कि रिपोर्ट में हार्ट अटैक से मृत्यु की बात लिखी है. जस्टिस सुंदरेश ने कहा कि जिस व्यक्ति को लेकर यह याचिका दाखिल हुई है, वह इस दुनिया में नहीं है. ऐसे में मामले को यहां पर लंबित रखना जरूरी नहीं है. अगर याचिकाकर्ता को कोई राहत चाहिए या कुछ कहना है तो वह सीधे हाई कोर्ट जा सकता है.