बुजुर्ग हज यात्रियों के लिए सरकार का बड़ा तोहफा, साथ जाएगा निजी सहायक, मिलेगा दोहरा सवाब

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हज कमेटी ने 70 वर्ष या उससे अधिक उम्र के बुजुर्ग हज यात्रियों के साथ एक-एक सहायक भेजने का निर्णय लिया है. ये सहायक उनकी सेवा करेंगे और खुद भी हज की अरकान अदा कर सवाब के हकदार बनेंगे.

बुज़ुर्ग हज यात्रियों के सहायकों को मिलेगा दोहरा सवाब, यहाँ जाने सब कुछ
वसीम अहमद /अलीगढ़- इस्लाम धर्म में हज को पांचों फरायज़ में से एक माना गया है. यह हर साहिबे हैसियत मुसलमान पर जीवन में एक बार फर्ज किया गया है. यह एक पाक और मुबारक सफर होता है, जो न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक रूप से भी एक गहरी यात्रा होती है.
बुजुर्ग जायरीनों के लिए खास सुविधा
अब इस पवित्र हज यात्रा को बुजुर्गों के लिए और भी सहज व सुविधाजनक बनाने के लिए सरकार ने एक सराहनीय पहल की है. जिन जायरीनों की उम्र 70 वर्ष या उससे अधिक है, उनके साथ एक सहायक सहयोगी भी हज पर भेजा जाएगा.
हज कमेटी का निर्णय
हज कमेटी के महासचिव हाजी मोईन अहमद खान ने जानकारी दी कि यह फैसला बुजुर्गों की सुरक्षा और सुविधा को ध्यान में रखते हुए लिया गया है. सहायक मक्का और मदीना में रहकर बुजुर्ग हज यात्रियों के हर कार्य में मदद करेगा, चाहे वो तवाफ हो, सई हो या जमरात जैसी अन्य अरकान की अदायगी.
दोहरा सवाब पाने का अवसर
इस नई व्यवस्था का एक और रूहानी पहलू यह है कि सहायक को दोहरा सवाब मिलेगा.
- पहला, बुजुर्ग की खिदमत करके.
- दूसरा, खुद हज की अरकान अदा करके.
इस तरह यह सहायक न केवल एक नेक काम करेगा, बल्कि खुद भी हज के बरकतों और रहमतों में शामिल होगा.
सेवा, सहयोग और इंसानियत का संदेश
हज यात्रा वैसे भी कठिन होती है, खासकर बुजुर्गों के लिए, और यह निर्णय उनके लिए एक राहत की सांस जैसा है. साथ ही, यह समाज में सेवा, सहयोग और इंसानियत के संदेश को भी मजबूती देगा. हज कमेटी की यह पहल वाकई काबिले-तारीफ है.