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बीएड के बाद नौकरी छोड़ी, गोबर से शुरू किया बिजनेस, अब कमा रही करोड़ों! जानिए सक्सेस स्टोरी

सहारनपुर: अगर कुछ करने का जज़्बा हो, तो कोई भी रास्ता मुश्किल नहीं होता. न उम्र मायने रखती है और न हालात. बस चाहिए तो हौसला, मेहनत और एक मजबूत इरादा. ऐसा ही सहारनपुर की रहने वाली 25 साल की काजल सैनी ने कर दिखाया है. उन्होंने पढ़ाई के बाद खुद की पहचान स्वरोजगार से बनाई.

वह सहारनपुर जिले के मुजफ्फराबाद ब्लॉक के गांव चांडी की रहने वाली है. काजल ने अपनी स्कूली पढ़ाई दिलाराम सैनी इंटर कॉलेज से की और इसके बाद B.Sc और B.Ed भी किया. पढ़ाई पूरी करने के बाद अधिकतर लोग सरकारी या प्राइवेट नौकरी की तरफ रुख करते हैं. वहीं काजल ने इसके उलट अपने पापा के शुरू किए गए जैविक खाद के काम को आगे बढ़ाने का फैसला लिया.

काजल ने लोकल18 से बातचीत में बताया कि उनके पिता पिछले 24 साल से वर्मी कंपोस्ट जैविक खाद बना रहे हैं. पिछले 10 साल से वह भी इसमें पिता के साथ जुड़ी हुई हैं. अब जब पिता की उम्र हो गई है, तो उन्होंने ये जिम्मेदारी पूरी तरह अपने कंधों पर ले ली है.

गोबर से बनाती हैं खाद
काजल हर महीने करीब 200 क्विंटल जैविक खाद बना रही हैं, जिसकी कीमत लगभग 700 रुपए से 800 रुपए प्रति क्विंटल होती है. उनका तैयार किया गया खाद सिर्फ उत्तर प्रदेश ही नहीं, बल्कि हरियाणा, उत्तराखंड और हिमाचल प्रदेश के किसान भी खरीदते हैं.

काजल बताती हैं कि 2014 से पहले उनके घर पर बना हजारों क्विंटल खाद यूं ही पड़ा रहता था, लेकिन जब से केंद्र सरकार ने जैविक खेती को बढ़ावा देना शुरू किया, उनके खाद की डिमांड तेजी से बढ़ी. अब स्थिति यह है कि मांग इतनी है कि समय लेकर लोगों को खाद देना पड़ता है.

200 से अधिक किसानों को दे चुकीं मुफ्त ट्रेनिंग
काजल सिर्फ खाद बनाकर नहीं रुकतीं, बल्कि अब तक 200 से ज्यादा किसानों को खुद जैविक खाद बनाने की ट्रेनिंग भी दे चुकी हैं. उनका मानना है कि ज्ञान जितना बांटा जाए, उतना बढ़ता है. खास बात यह भी है कि वह यह प्रशिक्षण बिल्कुल निशुल्क देती हैं.

घर की जिम्मेदारी संभाली
काजल ने बताया कि उनके घर में एक बड़ी बहन और छोटा भाई है. भाई बाहर नौकरी करता है और बड़ी बहन की शादी हो चुकी है. ऐसे में घर की ज़िम्मेदारी भी अब काजल ने ही संभाल रखी है. वह पढ़ाई और कारोबार के साथ परिवार का सहारा भी बनी हुई हैं.

उनकी कहानी उन सभी युवाओं के लिए प्रेरणा है, जो नौकरी को ही एकमात्र रास्ता समझते हैं. काजल जैसे युवा बता रहे हैं कि स्वरोजगार की राह भी सम्मान और सफलता दोनों देती है.

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