बिजली विभाग की लापरवाही से शाहजहांपुर में 380 बीघा गेहूं जलकर हुई खाक, सबूत मिटाने के लिए फाड़ दिया लॉग बुक

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Shahjahanpur News : शाहजहांपुर में बिजली विभाग की लापरवाही से 380 बीघा गेहूं जलकर राख हो गया. ग्रामीणों का आरोप है कि जर्जर लाइन से निकली चिंगारी ने आग फैलाई. किसानों ने किसी तरह आग बुझाई, लेकिन फसल नष्ट हो गई….और पढ़ें

गेहूं में आग लगी
हाइलाइट्स
- शाहजहांपुर में 380 बीघा गेहूं जलकर खाक.
- बिजली विभाग की लापरवाही से लगी आग.
- किसानों ने मुआवजे की मांग की.
शाहजहांपुर : शाहजहांपुर में बिजली विभाग की लापरवाही की वजह से आग लग गई. आग की चपेट में आने से किसानों की सैकड़ों बीघा गेहूं की फसल जलकर राख हो गई. हालांकि ग्रामीणों ने कड़ी मशक्कत के बाद आग पर काबू पा लिया है. लेकिन आग लगने की पूरी घटना को लेकर किसानों में बिजली विभाग के प्रति भारी आक्रोश है. किसानों का कहना कि तेज हवा चलने के दौरान बिजली आपूर्ति जारी रखी गई जबकि बिजली विभाग के कर्मचारियों को फोन कर आपूर्ति बंद करने के लिए भी कहा गया था.
दरअसल, पूरा मामला सिंधौली थाना क्षेत्र के गांव मुडिया पमार का है. यहां विद्युत उपकेंद्र मुड़िया पमार से मिश्र मुड़िया गांव की ओर जाने वाली जर्जर लाइन का तार टूट कर गेहूं की फसल के बीच गिर गया. तार टूटने के बाद निकली चिंगारी से गेहूं की फसल धू-धू कर जलने लगी. देखते ही देखते आग ने करीब 300 बीघा गेहूं की फसल को चपेट में ले लिया. ग्रामीण का कहना है कि बिजली विभाग की लापरवाही की वजह से इतनी बड़ी घटना हो गई. घटना आज करीब साढे सात बजे की है.
हो सकता था बड़ा हादसा
पीड़ित किसानों का आरोप है कि फायर ब्रिगेड की टीम को फोन पर सूचना दी गई लेकिन फायर ब्रिगेड की टीम नहीं पहुंची. इस दौरान किसानों ने ट्रैक्टर से खेत की जुताई की. इसके अलावा स्प्रे पंप की मदद से आग को बुझाया. पीड़ित किसानों को कहना कि अगर आग पर समय रहते आग पर काबू न पाया जाता तो गांव में आबादी वाले क्षेत्र भी आग की चपेट में आ सकते थे. आग बुझाते वक्त कई किसान झुलस भी गए.
नहीं बचा गेहूं का एक भी दाना
शॉर्ट सर्किट से लगी आग की चपेट में करीब 15 किसान चपेट में आए हैं. इनमें से कई किसानों के सामने अब खाने के लिए अनाज भी नहीं बचा है. कुछ किसान ऐसे थे जिन्होंने बटाई पर खेत लेकर गेहूं की खेती की थी. किसानों का कहना है कि 6 महीने की उनकी मेहनत चंद मिनट में राख में तब्दील हो गई. जिसके बाद अब उनके सामने रोजी-रोटी का संकट आन खड़ा है.
काश! पहले जाग गया होता बिजली विभाग
किसानों का कहना है कि दशकों पुरानी इस जर्जर लाइन को दुरुस्त करने के लिए कई बार बिजली विभाग के जिम्मेदार अधिकारियों को शिकायत दी गई लेकिन किसी ने कोई सुध नहीं ली. बीती शाम भी रंजीत कुमार नाम के किसान के खेत में लगे हुए पोल से लाइन का फ्यूज उड़ गया था. इसके बाद आज सुबह बिजली विभाग में फ्यूज को दोबारा जोड़कर लाइन को चालू कर दिया. जबकि उस वक्त तेज हवा चल रही थी फिर विभाग के कर्मचारियों को फोन को लाइन काटने के लिए कहा गया लेकिन विद्युत आपूर्ति जारी रही. जिसके 10 मिनट बाद शॉर्ट सर्किट से गेहूं की फसल में आग लग गई.
सबूत मिटाने के लिए फाड़ दिया लॉग बुक
पूरी घटना के बाद जब किसान विद्युत उपकेंद्र पहुंचे. बिजली विभाग के कर्मचारियों ने अपनी लापरवाही को छुपाने के लिए लॉग बुक का पूरा पेज ही फाड़ दिया. लॉग बुक में विद्युत आपूर्ति को जारी करने और आपूर्ति कटौती करने का पूरा ब्यौरा रहता है. फिलहाल ग्रामीणों ने आग लगने की पूरी घटना की जांच कर कर लापरवाह बिजली विभाग के कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है. साथ ही किसानों का कहना है कि उनके नुकसान की भरपाई करने के लिए उनको मुआवजा दिया जाए.