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पिता चलाते हैं ठेला, बेटी ने सरकारी स्कूल से पढ़कर पास की नीट परीक्षा, फिर भी डॉक्टर बनने का सपना रह गया अधूरा, जानें वजह

आखरी अपडेट:

Mirzapur News: मिर्जापुर की पूजा सोनकर ने नीट में 362 रैंक हासिल की, लेकिन आर्थिक तंगी के कारण दाखिला नहीं हो पा रहा है. पूजा ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है.

हाइलाइट्स

  • पूजा सोनकर ने नीट में 362 रैंक हासिल की.
  • पिता ठेला चलाते हैं, पैसे के अभाव में दाखिला नहीं हो पा रहा.
  • पूजा ने सरकार से मदद की गुहार लगाई है.
मुकेश पांडेय/मिर्जापुर : कहते हैं कि शिक्षा में भले ही मेहनत बाधा न बने, लेकिन परिस्थितियां बाधा बन जाती हैं. उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले में कुछ ऐसा ही हुआ है, जहां एक  बिटियां ने जीतोड़ मेहनत करने के बाद नीट की परीक्षा तो क्वालीफाई कर लीं, लेकिन पैसे के अभाव में कॉलेज में दाखिला नहीं करा पा रही है. पिता ठेला चलाते हैं और मां घर पर ही बकरी पालन करके रोटी का इंतजाम करती है. उनके पास इतने पैसे नहीं हैं कि बिटिया को कॉलेज में दाखिला करा सके. नीट की परीक्षा का रिज़ल्ट आने के बाद पूजा सोनकर को लगा था कि वह डॉक्टर बनेगी, लेकिन परिस्थितियां ऐसी बन गई कि आगे की पढ़ाई नहीं कर पा रही है.

उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर जिले के मड़िहान में स्थित सर्वोदय बालिका इंटरमीडिएट कॉलेज में पढ़ाई करने वाली पूजा सोनकर ने अथक परिश्रम के बाद नीट की परीक्षा क्वालीफाई की थी. पूजा सोनकर को 362 रैंक मिली थी. सरकारी स्कूल में रहकर पढ़ाई के बाद पूजा ने नीट की परीक्षा पास की थी. पूजा के साथ ही स्कूल की 12 लड़कियों ने भी नीट की परीक्षा पास की थी. हालांकि, अब पैसे न होने की वजह से पूजा की आगे की पढ़ाई नहीं हो पा रही है. बेहद गरीब परिवार से आने वाली पूजा सोनकर ने अब मदद के लिए सरकार से गुहार लगाई है.

पिता बोले आगे की पढ़ाई के लिए नहीं हैं पैसे

पूजा सोनकर के पिता झब्बर सोनकर ठेला चलाते हैं. सब्जी व मक्का बेचकर परिवार चलाते हैं. उनकी पत्नी गुड़िया गृहणी है, जो घर पर रहकर बकरी पालन करके पति के साथ परिवार चलाने में मदद करती है. पिता झब्बर सोनकर का कहना है कि मक्के का ठेला लगाकर किसी तरह से परिवार चला रहे हैं. हमारे पास इतने पैसे नहीं है कि बिटिया की आगे की पढ़ाई करा सके. बिटिया का सपना है कि आगे चलकर सर्जन डॉक्टर बने. हालांकि, अभी पैसे के अभाव में उसका दाखिला नहीं हो सका है. सरकार से गुहार लगाते हुए मदद की मांग की है.

पढ़ाई छोड़ने के लिए कहा- मां

पूजा की मां गुड़िया देवी ने कहा कि हमने बिटिया से कहा है कि पढ़ाई जो होना था, वो कर ली हो. अब शादी कर दे रहे हैं. आगे की पढ़ाई करनी होगी तो वहीं से करना. हम लोगों के पास इतने पैसे नहीं है कि बिटिया को आगे पढ़ा सकें. एक बेटी की पढ़ाई 10 वीं के बाद नहीं हो पा रही है. बेटी की जिद के बाद 31 हजार रुपये देकर कोचिंग में दाखिला कराया है. बिटिया कहती है कि उसे डॉक्टर बनना है. अब पैसे ही नहीं है तो कहा से डॉक्टर बनेगी. पैसे के अभाव में उसकी आगे की पढ़ाई नहीं हो पा रही है.

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ललित भट्ट

मीडिया फील्ड में एक दशक से अधिक से सक्रिय. वर्तमान में News18 हिंदी में कार्यरत. 2010 से नई दुनिया अखबार से पत्रकारिता की शुरुआत की.फिर हिंदुस्तान, ईटीवी भारत, वेबदुनिया समेत कई जगहों पर रिपोर्टिंग और डेस्क मे…और पढ़ें

मीडिया फील्ड में एक दशक से अधिक से सक्रिय. वर्तमान में News18 हिंदी में कार्यरत. 2010 से नई दुनिया अखबार से पत्रकारिता की शुरुआत की.फिर हिंदुस्तान, ईटीवी भारत, वेबदुनिया समेत कई जगहों पर रिपोर्टिंग और डेस्क मे… और पढ़ें

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नीट पास करने के बाद भी इस बेटी का डॉक्टर बनने का सपना रह गया अधूरा, जानें वजह

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