धान की रोपाई से पहले किसान खेत में डाल दें ये खाद, दोगुनी हो जाएगी पैदावार, जानें एक्सपर्ट की ये सलाह

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Paady Farming: किसान वर्मी कंपोस्ट और गोबर की सड़ी हुई खाद का उपयोग कर कम लागत में अधिक उत्पादन ले सकते हैं. सही समय और मात्रा में उपयोग से मिट्टी की गुणवत्ता और फसल की पौष्टिकता बढ़ती है.

वर्मी कंपोस्ट
हाइलाइट्स
- किसानों को धान की रोपाई से पहले वर्मी कंपोस्ट का उपयोग करना चाहिए.
- वर्मी कंपोस्ट का उपयोग शाम के समय करना चाहिए.
- प्रति हेक्टेयर 2-3 टन वर्मी कंपोस्ट का उपयोग करें.
सिमरनजीत सिंह/शाहजहांपुर: मृदा स्वास्थ्य में सुधार करने और फसलों से कम लागत लगाकर ज्यादा उत्पादन लेने के लिए किसान वर्मी कंपोस्ट या फिर गोबर की सड़ी हुई खाद का इस्तेमाल करते हैं. धान की फसल की रोपाई से पहले भी एक्सपर्ट किसानों को वर्मी कंपोस्ट और गोबर की सड़ी हुई खाद का इस्तेमाल करने की सलाह देते हैं, लेकिन वर्मी कंपोस्ट का इस्तेमाल करते समय किसानों को जरूरी बातों का ध्यान रखना चाहिए ताकि ज्यादा से ज्यादा फायदा लिया जा सके.
प्रगतिशील युवा किसान ज्ञानेश तिवारी ने बताया कि वर्मी कंपोस्ट खाद में सभी आवश्यक सूक्ष्म पोषक तत्व पाए जाते हैं, जो कि फसलों से अच्छा उत्पादन लेने के लिए जरूरी होते हैं. वर्मी कंपोस्ट खाद का इस्तेमाल कर तैयार की गई उपज रासायनिक तरीके से तैयार की गई फसल के मुकाबले कहीं ज्यादा पौष्टिक होती है. इन दिनों किसान धान की फसल की रोपाई के लिए तैयारी कर रहे हैं और किसान धान की नर्सरी की बिजाई कर रहे हैं. धान की फसल की रोपाई से पहले किसानों को मिट्टी में वर्मी कंपोस्ट या गोबर की सड़ी हुई खाद का इस्तेमाल करना चाहिए. जिससे किसान कम लागत लगाकर अच्छा उत्पादन ले सकें लेकिन वर्मी कंपोस्ट का सही तरीके से इस्तेमाल करना भी जरूरी है ताकि ज्यादा से ज्यादा लाभ मिल सके. वर्मी कंपोस्ट का इस्तेमाल करने से मिट्टी में मित्र कीटों की संख्या बढ़ती है. मिट्टी की जल्द धारण क्षमता में इजाफा होता है.
सही समय पर करें प्रयोग
वर्मी कंपोस्ट डालने का सबसे अच्छा समय बुवाई या रोपाई से पहले होता है. इससे पौधों की बढ़वार के लिए आवश्यक पोषक तत्व मिल जाते हैं. वर्मी कंपोस्ट खाद का इस्तेमाल शाम के समय करना चाहिए. वर्मी कंपोस्ट को खेत में बिखेर कर तुरंत खेत की जुताई कर दें. दोपहर के समय कभी भी वर्मी कंपोस्ट खाद को खेत में न डालें. धूप के संपर्क में आने से सूक्ष्म पोषक तत्व नष्ट हो सकते हैं.
उपयोग की मात्रा
खाद या वर्मी कंपोस्ट की मात्रा फसल के प्रकार, मिट्टी की उर्वरता और पौधे की वृद्धि अवस्था पर निर्भर करती है. आमतौर पर प्रति हेक्टेयर 5-10 टन अच्छी तरह से सड़ी हुई गोबर की खाद या 2-3 टन वर्मी कंपोस्ट का उपयोग करना चाहिए.
एक समान करें वितरण
खेत में खाद या वर्मी कंपोस्ट को समान रूप से फैलाएं ताकि सभी पौधों को बराबर पोषक तत्व मिलें. असमान वितरण से कुछ क्षेत्रों में अधिक और कुछ में कम पोषक तत्व हो सकते हैं. फैलाने के बाद, खाद या वर्मीकंपोस्ट को हल्की जुताई करके मिट्टी में मिला दें. उसके बाद तुरंत खेत में पानी भर दें.
अच्छी तरह से सड़ी हुई खाद
अगर गोबर की सड़ी हुई खाद का इस्तेमाल कर रहे हैं तो यह सुनिश्चित करें कि गोबर की खाद पूरी तरह से सड़ चुकी हो. अधकच्ची खाद में खरपतवार के बीज और हानिकारक रोगजनक हो सकते हैं जो आपकी फसलों को नुकसान पहुंचा सकते हैं. यह अमोनिया जैसी गैसें भी छोड़ सकती है जो पौधों, खासकर छोटे पौधों के लिए हानिकारक होती हैं.