डोनाल्ड ट्रंप के टैरिफ से UP के इस शहर में हड़कंप, धड़ाधड़ कैंसल हो रहे ऑर्डर, छंटनी की नौबत

आखरी अपडेट:
Donald Trump Tariffs: डोनाल्ड ट्रंप के नए टैरिफ प्लान से मुरादाबाद के पीतल उद्योग पर बड़ा असर पड़ा है. निर्यातकों को मंदी का सामना करना पड़ रहा है और कामगारों पर छंटनी का खतरा मंडरा रहा है.

निर्यात के सामने संकट
हाइलाइट्स
- ट्रंप के टैरिफ प्लान से मुरादाबाद पीतल उद्योग प्रभावित.
- निर्यातकों को मंदी और कामगारों पर छंटनी का खतरा.
- मुरादाबाद का कुल एक्सपोर्ट 50% तक गिर सकता है.
पीयूष शर्मा/मुरादाबाद: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के नए टैरिफ प्लान से पूरी दुनिया में हाहाकार मच गया है. शेयर मार्केट में सुनामी आ गई है. इसका असर भारत में भी बड़े पैमाने पर देखा जा रहा है. पूरी दुनिया में पीतल नगरी के नाम से मशहूर मुरादाबाद में भी अफरा-तफरी का माहौल है. यहां से पीतल के उत्पादन देश-विदेश में एक्सपोर्ट किए जाते हैं. निर्यातकों को ट्रंप के टैरिफ से मंदी का सामना करना पड़ रहा है. इसके साथ ही अब ट्रंप के टैरिफ से कामगारों पर छटनी का खतरा भी मंडराता जा रहा है.
हस्तशिल्प निर्यात संवर्द्धन परिषद (EPCH) के सदस्य और मुरादाबाद हैडीक्राफ्ट्स एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के महासचिव अवधेश अग्रवाल ने बताया कि पहले से ही यूरोप में निर्यात में गिरावट थी और अब अमेरिका से ऑर्डर कम होने से स्थिति और बिगड़ गई है.
कामकाज ठप
महासचिव अवधेश अग्रवाल ने बताया, ‘अमेरिका में कुछ हद तक काम चल रहा था, लेकिन अब टैरिफ बढ़ने से अमेरिकी खरीदारों ने ऑर्डर रोक दिए हैं. इससे कई यूनिट्स में कामकाज रुक गया है और मज़दूरों की ज़रूरत भी कम हो गई है.’
ऑर्डर रुके, कंटेनर भेजने से इनकार
एसईजेड एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष विकास अरोड़ा ने बताया कि अमेरिकी खरीदारों ने न केवल नए ऑर्डर बंद किए हैं, बल्कि पहले दिए गए ऑर्डरों का शिपमेंट भी रुकवा दिया है. उन्होंने अपने कंटेनर भेजने से मना कर दिया है, जिससे यूनिटों में तैयार माल फंसा हुआ है. सेलेक्ट इंटरनेशनल के संचालक मो. नाजिम ने कहा, “अब ऐसे वर्कर्स की छंटनी करनी पड़ सकती है, जिनकी तत्काल ज़रूरत नहीं है. फिलहाल कम स्टाफ में ही काम चलाया जा रहा है.”
50% तक गिर सकता है निर्यात
निर्यातकों को आशंका है कि ट्रंप के टैरिफ प्लान के कारण मुरादाबाद के कुल एक्सपोर्ट पर 50% तक असर पड़ सकता है. अमेरिका, मुरादाबाद के कुल निर्यात का आधा हिस्सा खरीदता है. ऐसे में वहां मांग कम होते ही मुरादाबाद की अर्थव्यवस्था को झटका लगना तय है. अब कारोबारी अमेरिका के अलावा दूसरे देशों में निर्यात के विकल्प तलाशने में जुट गए हैं, जहां मुरादाबाद के हस्तशिल्प को पसंद किया जाता है.