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डायबिटीज से लेकर बवासीर तक का इलाज! ये पौधा हर बीमारी पर करता है वार, जड़-छाल-पत्तियां सब हैं संजीवनी – Uttar Pradesh News

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Agnimanth Ka Upyog: अग्निमंथ पौधा एक बहुपयोगी आयुर्वेदिक औषधि है, जो शुगर, सूजन, पाचन की समस्या और मोटापे जैसी बीमारियों में चमत्कारी रूप से असर करता है. जानिए इसके इस्तेमाल का सही तरीका.

हाइलाइट्स

  • अग्निमंथ पौधा एक बहुपयोगी आयुर्वेदिक औषधि है.
  • इसका वर्णन चरक संहिता में भी मिलता है.
  • इसके पत्ते, जड़, छाल और तेल का इस्तेमाल अलग-अलग तरीकों से किया जाता है.
अग्निमैंथ प्लांट लाभ: आज हम आपको एक ऐसे दुर्लभ और चमत्कारी औषधीय पौधे के बारे में बताएंगे जिसके फायदे जानकर आप भी हैरान रह जाएंगे. यह पौधा न सिर्फ शुगर के मरीजों के लिए वरदान है, बल्कि पाचन तंत्र, सूजन, बुखार, मोटापा और कई गंभीर बीमारियों के इलाज में भी बेहद असरदार माना जाता है. इसकी खासियत यह है कि इसका हर हिस्सा पत्ता, छाल, लकड़ी और जड़ औषधीय उपयोग में लाया जा सकता है.

इस औषधीय पौधे का नाम है अग्निमैंथ (वैज्ञानिक नाम- प्रेमना इंटीफिफ़ोलिया). इसका वर्णन आयुर्वेद की प्राचीन पुस्तकों में, विशेष रूप से चरक संहिता में भी किया गया है. स्थानीय राजकीय आयुर्वेदिक चिकित्सालय, नगर बलिया की वरिष्ठ आयुर्वेदिक चिकित्साधिकारी डॉ. प्रियंका सिंह (MD, PhD मेडिसिन) बताती हैं कि यह पौधा भारतीय चिकित्सा पद्धति में बहुपयोगी औषधियों में से एक है. इसकी लकड़ियों को आपस में रगड़ने पर अग्नि उत्पन्न होती है, इसी कारण इसका नाम अग्निमंथ पड़ा.
अग्निमंथ से मिलने वाले मुख्य फायदे
• शुगर में असरदार- अग्निमंथ के पत्तों और जड़ों में ऐसे प्राकृतिक तत्व मौजूद हैं, जो रक्त शर्करा के स्तर को नियंत्रित करने में मदद करते हैं.
• पाचन तंत्र को दुरुस्त करता है- अग्निमंथ भूख बढ़ाने, अपच, कब्ज और बवासीर जैसी समस्याओं से राहत देता है। यह पाचन को सुधारने में सहायक है.

• सूजन और दर्द से राहत- इसमें पाए जाने वाले सूजनरोधी गुण शरीर की सूजन व जोड़ों के दर्द में आराम पहुंचाते हैं.

•बुखार से बचाव- अग्निमंथ शरीर की प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है. यह बुखार, लिम्फ नोड्स की सूजन और संक्रमण में भी बेहद लाभकारी है.

•मोटापा घटाने में सहायक- यह पौधा मेटाबॉलिज्म को सुधारकर शरीर की चर्बी को ऊर्जा में बदलने की प्रक्रिया को तेज करता है. इसके अलावा यह पौधा सर्दी, खांसी, अस्थमा, मूत्र संक्रमण और एनीमिया यानी खून की कमी जैसी बीमारियों में भी कारगर है.

कैसे करें इस्तेमाल?

डॉ. प्रियंका सिंह के अनुसार, अग्निमंथ की जड़ को पानी में उबालकर काढ़ा बनाकर पीना शरीर के लिए काफी लाभकारी होता है. इसकी पत्तियों को पीसकर बनाया गया लेप सूजन या घाव पर लगाया जा सकता है, जिससे राहत मिलती है. इसके अलावा, सूखी हुई जड़ों को पीसकर चूर्ण (पाउडर) के रूप में सेवन किया जा सकता है. अग्निमंथ के तेल से मालिश करने पर जोड़ों के दर्द, थकान और सूजन में भी आराम मिलता है. हालांकि, इसका सेवन करने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक से परामर्श जरूर लें.
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Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें. Local-18 किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.

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