जन अपेक्षाओं पर खरा उतरना सरकार की प्राथमिकता, जमीन पर दिखें योजनाएं: सीएम योगी आदित्यनाथ

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या एवं देवीपाटन मंडल के जनप्रतिनिधियों, लोक निर्माण विभाग, पर्यटन एवं संस्कृति विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के साथ उच्चस्तरीय समीक्षा बैठक की

बैठक में मुख्यमंत्री ने स्पष्ट कहा कि प्रदेश सरकार केवल योजनाएं बनाकर ही नहीं रुकती, बल्कि उन योजनाओं को धरातल पर उतारने और जनता तक लाभ पहुंचाने में भी विश्वास करती है. इस लक्ष्य की पूर्ति के लिए शासन और जनप्रतिनिधियों के बीच सशक्त संवाद आवश्यक है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार नगर निकायों को अलग से वित्तीय संसाधन उपलब्ध कराती है और सीएम ग्रिड योजना के माध्यम से नगरों के समग्र विकास को नई दिशा दी जा रही है. उन्होंने निर्देश दिए कि नगर निगम एवं नगर निकाय अपने-अपने क्षेत्र में संचालित विकास योजनाओं की समीक्षा करते समय स्थानीय जनप्रतिनिधियों को अवश्य शामिल करें. जनप्रतिनिधियों को योजनाओं की जानकारी देना, उनके सुझावों को शामिल करना और कार्यों में पारदर्शिता बनाए रखना प्रशासन की ज़िम्मेदारी है.
सभी विभाग ब्लैक स्पॉट्स की पहचान करें
मुख्यमंत्री ने विशेष रूप से इस बात पर बल दिया कि जिन नगर निकाय क्षेत्रों में ग्रामीण क्षेत्रों को शामिल किया गया है. वहां पर विशेष ध्यान दिया जाए. इन नए शहरीकृत गांवों में पेयजल, जलनिकासी, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएं प्राथमिकता से पूरी कराई जाएं ताकि नगरीय सुविधा और ग्रामीण पहचान के बीच सामंजस्य बना रहे.उन्होंने निर्देश दिए कि जिला मुख्यालयों को फोर लेन और ब्लॉक मुख्यालयों को कम से कम दो लेन की सड़कों से जोड़ने का कार्य तेज़ी से किया जाए. इसके साथ ही, सभी विभाग ब्लैक स्पॉट्स की पहचान कर उन्हें तत्काल ठीक कराने के लिए समन्वित प्रयास करें. मुख्यमंत्री ने कहा कि सड़क सुरक्षा केवल विभाग की ज़िम्मेदारी नहीं बल्कि शासन की संवेदनशीलता का परिचायक है.
निर्माण कार्यों को तीव्रता से आगे बढ़ाया
मुख्यमंत्री ने यह भी निर्देश दिए कि सेतुओं के निर्माण को प्रधानमंत्री गति शक्ति योजना से जोड़ा जाए. यह योजना विभिन्न अवसंरचनात्मक परियोजनाओं के समन्वय को सुदृढ़ करने का एक राष्ट्रीय मॉडल है. इसके अंतर्गत सेतु निर्माण कार्यों को तीव्रता से आगे बढ़ाया जा सकता है. वित्तीय संसाधनों का भी समुचित उपयोग सुनिश्चित होता है.बैठक में मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि केवल लोक निर्माण विभाग ही नहीं, बल्कि सभी विभाग- चाहे वह नगर विकास हो, जल शक्ति हो या पर्यटन विभाग अपनी कार्ययोजनाएं तैयार करते समय जनप्रतिनिधियों से संवाद स्थापित करें. इससे योजनाएं जमीन से जुड़ेंगी और वास्तविक समस्याओं का समाधान हो सकेगा.