गूगल का विशाखापट्टनम में 1 गीगावॉट डेटा सेंटर के लिए ₹51,000 करोड़ निवेश.

आखरी अपडेट:
यह डेटा सेंटर न केवल भारत, बल्कि एशिया में अपनी क्षमता और निवेश के लिहाज़ से सबसे बड़ा होगा. यह निवेश गूगल की उस रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत कंपनी सिंगापुर, मलेशिया और थाईलैंड जैसे देशों में भी अपने डेटा सें…और पढ़ें

हाइलाइट्स
- गूगल आंध्र प्रदेश में 1GW डेटा सेंटर स्थापित करेगा.
- इस परियोजना में ₹51,000 करोड़ का निवेश होगा.
- डेटा सेंटर में 500 मिलियन GB डेटा स्टोर हो सकता है.
यह डेटा सेंटर न केवल भारत, बल्कि एशिया में अपनी क्षमता और निवेश के लिहाज़ से सबसे बड़ा होगा. यह निवेश गूगल की उस रणनीति का हिस्सा है, जिसके तहत कंपनी सिंगापुर, मलेशिया और थाईलैंड जैसे देशों में भी अपने डेटा सेंटर पोर्टफोलियो का बहु-अरब डॉलर में विस्तार कर रही है. उल्लेखनीय है कि अप्रैल में अल्फाबेट ने यह घोषणा की थी कि कंपनी आर्थिक अनिश्चितताओं और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की वैश्विक टैरिफ नीतियों के बावजूद, 2025 में लगभग $75 अरब (₹6.37 लाख करोड़) का निवेश वैश्विक डेटा सेंटर नेटवर्क के विस्तार में करेगी.
1 गीगावाट डेटा सेंटर की कितनी होती है स्टोरेज क्षमता?
यहां 1 गीगावाट (GW) डेटा सेंटर की बिजली खपत को दर्शाता है, न कि सीधी स्टोरेज क्षमता को. 1 गीगावाट की बिजली खपत वाला डेटा सेंटर काफी विशाल होता है. यह आमतौर पर “हाइपरस्केल” डेटा सेंटर कहलाता है, जैसे कि गूगल, अमेजन या माइक्रोसॉफ्ट के सर्वर फार्म. इनमें हजारों या लाखों की संख्या में सर्वर लगे होते हैं, जिनमें से हर एक में भारी मात्रा में डेटा संग्रहण की क्षमता होती है.
(रॉयटर्स इनपुट के साथ)