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गजब! 60 साल की उम्र में किया एमबीए…65 में पीएचडी…अब 75 की उम्र में बने हैं टीचर, फ्री में दे रहे हैं शिक्षा

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Inspiring Story: रिटायरमेंट के बाद जहां लोग आराम करने की सोचते हैं. वहीं मेरठ के रहने वाले बांके बिहारी अग्रवाल ने रिटायरमेंट के बाद शिक्षा के क्षेत्र में कदम रखते हुए जहां 65 की आयु में पीएचडी की. वहीं 75 की आ…और पढ़ें

विशाल भटनागर मेरठ: किसी ने सच्च ही कहा है कि जीवन में पढ़ाई की कोई उम्र नहीं होती, सिर्फ पढ़ने की लगन होनी चाहिए. कुछ इसी तरह की लगन मेरठ के रहने वाले बांके बिहारी अग्रवाल को थी. जिन्होंने कॉलेज की तरफ रुख करते हुए रिटायरमेंट के बाद 60 साल की उम्र में जहां एमबीए  में एडमिशन लिया. वहीं 65 साल की उम्र में पीएचडी की पढ़ाई कंप्लीट किया. वर्तमान समय में युवाओं को मैनेजमेंट की पढ़ाई निशुल्क पढ़ा रहे हैं. ऐसे में लोकल 18 की टीम द्वारा डा. बांके बिहारी अग्रवाल से खास बातचीत की गई.

65 की उम्र में पूरी की पीएचडी

लोकल-18 की टीम से खास बातचीत करते हुए डा. बांके बिहारी ने बताया कि शिक्षा एक ऐसा माध्यम है. जिसमें अध्ययन करते हुए हम लोग नई-नई ऊंचाइयों को छू सकते हैं. उन्होंने बताया कि वर्ष 1972 में उनकी टेक्सटाइल इंजीनियरिंग के क्षेत्र में जॉब मिली. वर्ष 2010 तक टेक्सटाइल मिलों में विभिन्न पदों पर काम करते हुए उन्होंने अपने जीवन का अधिकतम समय टेक्सटाइल के क्षेत्र में गुजारा. ऐसे में जब 60 साल की आयु में वह रिटायर हो गए. तब उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में आगे बढ़ने की रुचि जाहिर की. लेकिन उसमें पीएचडी काफी अनिवार्य थी. इसलिए सर्वप्रथम एमबीए में एडमिशन लिया. जब उनकी एमबीए की मास्टर डिग्री कंप्लीट हो गई. उसके पश्चात उन्होंने पीएचडी में एडमिशन लेते हुए अपने 65 वर्ष की आयु में पीएचडी की पढ़ाई भी कंप्लीट कर ली. अब वह युवाओं को पढ़ा रहे हैं.

बिना किसी वेतन से उपलब्ध करा रहे शिक्षा

उन्होंने बताया कि वह पिछले 3 साल से मेरठ वेदव्यास पुरी स्थित नेशनल इंस्टीट्यूट आफ ज्वैलरी टेक्नोलॉजी में छात्र-छात्राओं को मार्केटिंग से संबंधित शिक्षा में अध्ययन कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि वर्तमान समय में हम विभिन्न प्रकार के प्रोडक्ट को बना तो लेते हैं. लेकिन किस तरह से उनकी बिक्री करनी चाहिए. उसका युवाओं में अभाव देखने को मिलता है. ऐसे में अपने अनुभव के आधार पर मार्केटिंग और मैनेजमेंट से संबंधित विषयों में युवाओं को नि:शुल्क माध्यम से अध्ययन करा रहे हैं.

700 से अधिक युवाओं को कर चुके हैं ट्रेड

बताते चलें कि डा. बांके बिहारी अग्रवाल के अनुसार वह अब तक लगभग 700 से अधिक युवाओं का मैनेजमेंट एवं मार्केटिंग से संबंधित विषय में अध्ययन करा चुके हैं. जो देश भर के विभिन्न प्रतिष्ठित संस्थानों में अब जॉब करते हुए अपने भविष्य को संवारने में लगे हुए हैं. उन्होंने बताया कि चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय परिसर में संचालित ज्वेलरी डिजाइन कोर्स में भी उन्होंने छात्र-छात्राओं को शुरुआती दौर में अध्ययन कराया था. लेकिन अब वह वर्तमान समय में सिर्फ वेदव्यास पुरी स्थित ज्वेलरी डिजाइनिंग इंस्टिट्यूट में ही अध्ययन कराते हैं.

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ललित भट्ट

मीडिया फील्ड में एक दशक से अधिक से सक्रिय. वर्तमान में News18 हिंदी में कार्यरत. 2010 से नई दुनिया अखबार से पत्रकारिता की शुरुआत की.फिर हिंदुस्तान, ईटीवी भारत, वेबदुनिया समेत कई जगहों पर रिपोर्टिंग और डेस्क मे…और पढ़ें

मीडिया फील्ड में एक दशक से अधिक से सक्रिय. वर्तमान में News18 हिंदी में कार्यरत. 2010 से नई दुनिया अखबार से पत्रकारिता की शुरुआत की.फिर हिंदुस्तान, ईटीवी भारत, वेबदुनिया समेत कई जगहों पर रिपोर्टिंग और डेस्क मे… और पढ़ें

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60 साल की उम्र में एमबीए…65 में की पीएचडी…अब 75 की उम्र में बने हैं टीचर

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