‘खास बैग’ वाला शख्स, जिसे लेकर ताजमहल में घूम रहे थे CISF और पुलिस वाले, साए की तरह नहीं छोड़ा पीछा, आखिर क्या थी वजह

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Taj Mahal Viral Video News: ताजमहल की खूबसूरती देखने के लिए हर दिन हजारों की संख्या में लोग आते हैं. मगर, इस बीच एक खास बैग वाला शख्स चर्चाओं में आ गया है. पुलिस और सीआईएसएफ साय की तरह इस शख्स के साथ ताजमहल में…और पढ़ें

ताजमहल की सुरक्षा व्यवस्था सीआईएसएफ के हाथ में है. CISF के द्वारा ताजमहल की सुरक्षा के लाख दावे किए जाते है, परिंदा भी पर नहीं मार सकता है. यह बात कहीं न कहीं इस मामले में सही साबित होती दिखी. मगर, अब ऐसा मामला सामने आया है, जिस पर चर्चा हो रही है. दो दिन पहले एक शख्स हाथ में एक बैग लेकर पहुंचा, जिसपर कुछ ऐसा लिखा था, जिसे देखकर सीआईएसएफ चौंक गई. उसने तुरंत शख्स को रोका और कहा कि आप अंदर नहीं जा सकते. इस पर शख्स ने बवाल कर दिया और एक वीडियो बनाकर वायरल कर दिया. बाद में उसी शख्स को प्रवेश दे दिया गया.
कानपुर के रहने वाले आशीष अपने परिवार के साथ ताजमहल घूमने पहुंचे थे. उनके बैग पर ‘श्री राम’ लिखा हुआ था. सिक्योरिटी चेकिंग के दौरान जब बैग स्कैन हुआ तो वहां तैनात CISF (केंद्रीय औद्योगिक सुरक्षा बल) के जवान ने बैग को अंदर ले जाने से रोक दिया. शख्स ने वीडिया बनाकर आरोप लगाया कि जवान ने साफ शब्दों में कहा कि यह बैग ताजमहल के अंदर नहीं ले जा सकते. इस दौरान उन्होंने बैग को रोकने के पीछे कोई ठोस कारण भी नहीं बताया. बस यही कहते रहे कि ये बैग आप नहीं ले जा सकते. घटना से आहत होकर आशीष ने मौके पर ही वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर साझा कर दिया. वीडियो वायरल होते ही यह मामला चर्चा का विषय बन गया. आशीष ने वीडियो में कहा था कि भारत में रहते हुए यदि हम अपने आराध्य भगवान श्रीराम का नाम लिखा हुआ बैग भी साथ नहीं ले जा सकते, तो यह दुर्भाग्यपूर्ण है. ऐसी जगहों का बहिष्कार करना चाहिए, जहां धार्मिक भावनाओं का सम्मान नहीं किया जाता.
इधर, CISF के सीनियर कमांडेंट वैभव दुबे ने पूरे मामले पर सफाई दी. उन्होंने बताया कि जांच के दौरान पर्यटक के बैग में सुपारी, तंबाकू और सुपारी काटने वाला कटर मिला था, जो कि ताजमहल परिसर में प्रतिबंधित सामग्री है. इसी कारण पर्यटक को बैग साथ ले जाने से मना किया गया और उन्हें विकल्प दिया गया कि वह या तो बैग क्लॉक रूम में रख दें या प्रतिबंधित सामान बाहर छोड़ दें. कमांडेंट ने कहा कि पर्यटक ने इन विकल्पों को अपनाने की बजाय जानबूझकर वीडियो बनाकर सुरक्षा से जुड़े मामले को धार्मिक रंग देने की कोशिश की, जो दुर्भाग्यपूर्ण है.