क्या आप जानते है बारिश रोकने और कराने के पुराने टोटके, मेढ़क-मेढ़की की शादी से लेकर मुसर पीटने तक की परंपरा

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Ajab Gajab: उत्तर प्रदेश के पूर्वी इलाकों में बारिश के मौसम ज्यादा बारिश होने पर गांव के लोगों के द्वारा मेढ़क-मेढकी की शादी कराते हैं. पहले इस टोटका का खूब इस्तेमाल किया जाता है. कहीं बारिश होने के लिए इसका प्र…और पढ़ें
उत्तर प्रदेश के पूर्वी इलाकों में बारिश के मौसम ज्यादा बारिश होने पर गांव के लोगों के द्वारा मेढ़क-मेढकी की शादी कराते हैं. पहले इस टोटका का खूब इस्तेमाल किया जाता है. कहीं बारिश होने के लिए इसका प्रयोग होता है यो कहीं बारिश कराने के लिए इस तरकीब का प्रयोग करते हैं. पहले गावों नें कुटाई के लिए मुसर का प्रयोग किया जाता था. हालांकि, अब इसका प्रयोग नहीं होता है. मान्यता थी कि मुसर को को पीटने से आंधी और बारिश रुकती थी. यह वहीं बहन कर सकती थी, जिसके एक भाई हो. गांव में बारिश होने पर ऐसे लोगों के घर पहुंचकर इस टोटके को कराते थे.
पहले होता था इन तरीकों का प्रयोग
वंदना चौबे ने लोकल 18 से बताया कि पुराने समय में बारिश होने और नहीं होने के लिए कई पूजन और रिवाजों का निर्वहन किया जाता था. इसमें बारिश होने के लिए कराहा पूजन होता था. इसे यादव बंधु करते थे. महिलाएं भी एकत्रित होकर विशेष पूजन करती थी. वहीं, बारिश रुकने के लिए भी खास टोटके प्रयोग होते थे. उनमें सबसे ज्यादा मुसर पीटने वाला टोटका था. इसका सबसे ज्यादा प्रयोग होता था. ऐसा माना जाता था कि मुसर पीटने से आंधी और बारिश दोनों रुक जाते हैं.

काशी के बगल चंदौली से ताल्लुक रखते है. बिजेनस, सेहत, स्पोर्टस, राजनीति, लाइफस्टाइल और ट्रैवल से जुड़ी खबरें पढ़ना पसंद है. मीडिया में करियर की शुरुआत ईटीवी भारत हैदराबाद से हुई. डिजिटल में 6 साल से ज्यादा का अन…और पढ़ें
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