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कौशांबी की रंग-बिरंगी ताजिया ने पार किया समुंदर का सफर, नीदरलैंड में बिखेर रही अपनी कला का जादू

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UP News: उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले के कड़ा कस्बा में मोहर्रम के लिए बनाए जाने वाले ताजियों का बड़ा कारोबार होता है. इनकी ताजिया केवल देशभर में नहीं, बल्कि विदेशों में भी प्रसिद्ध हैं. खासतौर पर एक ताजिया नीद…और पढ़ें

कौशांबी: उत्तर प्रदेश के कौशांबी जिले के कड़ा कस्बा में बड़े पैमाने में ही ताजिया का कारोबार किया जाता है. कड़ा कस्बा के लोग साल के 12 महीना ताजा बनाने का काम करते हैं. कौशांबी की ऐसी भी ताजिया बनाई गई थी जो आज सात समुंदर पार ले जाकर नीदरलैंड के म्यूजिशियन में रखी गई है. यह आज भी कौशांबी की याद दिला रही है.

कौशांबी के कड़ा कस्बा में रंग-बिरंगे कागजों को मिलाकर खूबसूरत ताजिया तैयार करते हैं. ताजिया को तैयार करने में काफी मेहनत लगती है. तब जाकर इतनी खूबसूरत ताजिया तैयार होती है. कड़ा कस्बे के रहने वाले कारीगर जब भी मोहर्रम का त्योहार नजदीक आता है तो और तेजी से ताजिया बनाने का काम करते हैं. हालांकि, ताजिया तो पूरे देश में बनाई जाती है. मगर, कौशांबी जिले के कड़ा कस्बा में जो ताजिया के कारोबारी है उनकी एक अलग ही काला है.

इसी कला के चलते कड़ा कस्बा में बनाई गई ताजिया नीदरलैंड की म्यूजिशियन में भी रखी हुई है. ताजिया बनाने के लिए बांस की लड़कियों की जरूरत पड़ती है. साथ ही रंग-बिरंगे कागज और चमकीले चांदी दार के कागज भी प्रयोग किए जाते हैं. इसी वजह से कड़ा कस्बा में बनाया गया ताजिया नीदरलैंड के म्यूजियम में नमूने के तौर पर रखा गया है.

ताजिया कारोबारी बबलू ने बताया कि कौशांबी जिले के कड़ा कस्बा में ताजिया का बड़े पैमानों में कारोबार किया जाता है. ताजिया बनाने के लिए उत्तर प्रदेश की सबसे टॉप की मंडी कड़ा ही मानी जाती है. इस मंडी में ताजिया बनाने का साल के 12 महीना काम किया जाता है. ताजिया बनाने के लिए सबसे पहले बॉस की आवश्यकता होती है. उसके बाद कागज, पानी, दफ्ती, चमकीला इत्यादि सामानों का इस्तेमाल किया जाता है तब जाकर तैयार होती है.

इस मंडी की बनाई हुई ताजिया देश के कोने-कोने तक जाती है. मोहर्रम के त्योहार पर ताजिया दर ताज खरीदने के लिए कौशांबी की कला मंडी में आते हैं. इस तरह कौशांबी केकड़ा की बनाई हुई ताजिया नींदर लैंड के म्यूजिशियन में भी देखने को मिल रही है. नेपाल में भी देखने को मिल रही है. यहां की बनाई हुई ताजिया की कीमत 2 से 3 लाख रुपए तक की होती है. इसकी नक्काशी बहुत ही शानदार की जाती है.

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कौशांबी की ताजिया ने पार किया समुंदर का सफर, नीदरलैंड में बिखेर रही जादू

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